facebookmetapixel
गिरते बाजार में भी 7% चढ़ा सीफूड कंपनी का शेयर, इंडिया-यूएस ट्रेड डील की आहत से स्टॉक ने पकड़ी रफ्तारवर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोगEmami Stock: 76% तक गिर गई टैल्क सेल्स… फिर भी ‘BUY’ कह रहे हैं एक्सपर्ट्स! जानें क्योंDelhi Red Fort Blast: साजिश की पूरी पोल खोली जाएगी, दिल्ली धमाके पर PM Modi का बयान26% तक रिटर्न का मौका! भारत-अमेरिका डील पक्की हुई तो इन 5 शेयरों में होगी जबरदस्त कमाई!Delhi AQI Today: दिल्ली में हवा हुई जहरीली! GRAP स्टेज III लागू, जानिए क्या-क्या हुआ बैनDelhi Red Fort Blast: लाल किले के पास विस्फोट में अब तक 12 की मौत, Amit Shah ने बुलाई हाई-लेवल मीटिंगVodafone Idea Share: ₹14 तक जाएगा शेयर! ब्रोकरेज ने कहा – सुप्रीम कोर्ट का फैसला बदल सकता है गेमसस्टेनेबल इंडिया की ओर Adani Group का कदम, बनाएगा भारत का सबसे बड़ा बैटरी स्टोरेज सिस्टमGold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेट

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम जरूरी

Last Updated- December 12, 2022 | 5:36 AM IST

जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों या उत्सर्जन स्तर को लेकर किसी भी तरह की प्रतिबद्धता जताने से बचते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दोहराया कि भारत हमेशा से जलवायु संरक्षण को लेकर अपना दायित्व समझता रहा है और वह इस दिशा में पर्याप्त प्रयास कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत स्थायी विकास को लेकर निरंतर प्रतिबद्ध बना रहेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा बुलाई गई आभासी वैश्विक जलवायु शिखर बैठक में मोदी ने इस दिशा में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों ‘भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी’ के प्रति अपना समर्थन दोहराया। यह साझेदारी निवेश जुटाने, स्वच्छ तकनीक का प्रदर्शन करने और पर्यावरण के अनुकूल सहयोगों को बढ़ावा देगी जिससे ऐसा फंड बनेगा जो अन्य विकासशील देशों को नई तकनीक अपनाने के साथ जलवायु संरक्षण में मदद करेगा। इस संबध में जलवायु परिवर्तन पर अमेरिका के विशेष दूत जॉन केरी की पिछले महीने हुई यात्रा के दौरान पहल हुई थी। हालांकि भारत-अमेरिका दोनों ने यह नहीं बताया कि इसके लिए कितनी राशि रखी गई है।
इस अवसर पर मोदी ने कहा, ‘मानवता जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सके, इसके लिए ठोस कदमों की आवश्यकता है। हमें विश्व स्तर पर, तेज गति से और बड़े पैमाने पर ऐसे कदम उठाने होंगे। भारत में हम अपना दायित्व निभा रहे हैं। सन 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का हमारा लक्ष्य हमारी प्रतिबद्धता दर्शाता है। विकास संबंधी चुनौतियों के बावजूद हमने स्वच्छ ऊर्जा,ऊर्जा किफायत, पुनर्वनीकरण और जैव विविधता के क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं।’ शिखर बैठक को दुनिया के 40 से अधिक नेताओं ने संबोधित किया। मोदी ने इंटरनैशनल सोलर अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रिजिलियेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर की शुरुआत को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के खिलाफ भारत का योगदान बताया। बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना ने विकसित देशों पर आरोप लगाया कि उन्होंने बेतहाशा उपभोग के चलते जलवायु को जोखिम में डाल दिया। इसके उलट मोदी ने आरोप प्रत्यारोप में न उलझते हुए एक सतत जीवनशैली पर जोर दिया और कहा कि कोविड के बाद के युग में बुनियादी जीवनशैली हमारी आर्थिक नीति का आधार होगी।
मोदी ने कहा कि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन फुट प्रिंट वैश्विक औसत से 60 फीसदी कम है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की जीवनशैली अभी भी पारंपरिक स्थायित्व वाले व्यवहार में निहित है। मोदी ने कहा कि स्थायी विकास के आदर्श तैयार करने के लिए भारत साझेदारों के स्वागत के लिए हमेशा तैयार है।
मोदी ने कहा कि नवाचार को वित्तीय मदद करने और पर्यावरण के अनुकूल तकनीक को तेजी से अपनाने के क्षेत्र में भारत और अमेरिका का सहयोग अन्य देशों पर सकारात्मक प्रभाव डालने वाला है। मोदी ने अपने भाषण में विवेकानंद को उद्धृत किया, ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।’
मोदी से पहले अपने संक्षिप्त भाषण में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन से निपटते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों  का पालन आवश्यक है।

First Published - April 22, 2021 | 11:17 PM IST

संबंधित पोस्ट