सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्प (Indian Oil Corp) के लिए रूसी क्रूड ले जा रहे एक टैंकर को उचित दस्तावेजों की कमी के चलते प्रमुख एशियाई खरीदार के एक पोर्ट में प्रवेश करने से मना कर दिया गया है। ब्लूमबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी।
केप्लर (Kpler) के आंकड़ों के अनुसार, 2004 में बने होंडुरन ध्वज वाले अंडमान स्काईज़ (Andaman Skies), ने 24 फरवरी को मुरमान्स्क में 767,000 बैरल लोड किया था और 30 मार्च को वाडिनार में इसे खाली किया जाना था। लेकिन जहाज के पश्चिम तट पोर्ट पर डॉक करने की मंजूरी मांगने वाले दस्तावेज पूरे नहीं थे। नाम जाहिर न होने की शर्त पर उन लोगों ने बताया कि दस्तावेजों में कमी की सटीक वजह नहीं बताई गई।
2022 में रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के बाद भारत रूसी समुद्री कच्चे माल के शिपमेंट के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है, और देश के इम्पोर्ट फ्लो की बाजार द्वारा बारीकी से जांच की जाती है। रूसी जहाजों के खिलाफ अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूके द्वारा लगाए गए पश्चिमी प्रतिबंधों ने व्यापार को जटिल बना दिया है। वाशिंगटन ने जनवरी में दर्जनों जहाजों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। अंडमान स्काईज़ (Andaman Skies) को उस सूची में शामिल नहीं किया गया था, हालांकि इसे ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा टारगेट किया गया है।
अंडमान स्काईज़ (Andaman Skies) को प्रवेश से इनकार किए जाने की खबर पहले रायटर्स (Reuters) ने दी थी। फिलहाल जहाज ओमान और भारत के बीच अरब सागर में है, अभी भी पूरी तरह से लदा हुआ है, और जहाज-ट्रैकिंग डेटा से पता चलता है कि इसने सेलिंग बंद कर दी है। इक्वासिस (Equasis) डेटाबेस में लिस्टेड जहाज के रजिस्टर्ड मालिक, दुरबीन नेविगेशन लिमिटेड (Durbeen Navigation Ltd.) ने टिप्पणी के लिए तुरंत कोई जवाब नहीं दिया।