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BRICS Summit Manifesto 2024: ब्रिक्स देश व्यापार बढ़ाने, स्थानीय मुद्रा में वित्तीय निपटान पर सहमत

तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणा में कहा गया है, ‘‘हम एनडीबी सदस्यता को बढ़ाने का समर्थन करते हैं...।’’

Last Updated- October 23, 2024 | 10:28 PM IST
BRICS Summit Manifesto 2024: BRICS countries agree to increase trade, financial settlements in local currency BRICS Summit Manifesto 2024: ब्रिक्स देश व्यापार बढ़ाने, स्थानीय मुद्रा में वित्तीय निपटान पर सहमत

ब्रिक्स देशों ने बुधवार को व्यापार बढ़ाने और स्थानीय मुद्राओं में वित्तीय निपटान की व्यवस्था बनाने पर सहमति जतायी। साथ ही स्वतंत्र रूप से काम करने वाला सीमापार निपटान और डिपॉजिटरी बुनियादी ढांचे की व्यावहारिकता का अध्ययन करने और ब्रिक्स पुनर्बीमा कंपनी पर भी सहमति व्यक्त की।

सदस्य देशों के नेताओं ने 21वीं सदी में नव विकास बैंक को एक नये प्रकार के बहुपक्षीय विकास बैंक (एमडीबी) के रूप में विकसित करने पर भी सहमति जतायी और ब्रिक्स के नेतृत्व वाले बैंक की सदस्यता को बढ़ाने का समर्थन किया। यहां 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि सदस्य देश कामकाज के स्तर पर स्थिरता बनाये रखने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में संयुक्त गतिविधियों की संभावना तलाशेंगे।

ब्रिक्स नेताओं ने 21वीं सदी में मानव जीवन के सभी पहलुओं की तेज गति वाली डिजिटलीकरण प्रक्रिया पर चिंता व्यक्त की और विकास के लिए डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका और इस मुद्दे के समाधान के लिए ब्रिक्स के भीतर जुड़ाव को तेज करने की जरूरत बतायी। शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंगसहित ब्रिक्स देशों के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।

नेताओं ने ब्रिक्स के भीतर वित्तीय सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम व्यापार बाधाओं को कम करने और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच के सिद्धांत पर तैयार तेज, कम लागत वाले, कुशल, पारदर्शी, सुरक्षित और समावेशी सीमापार भुगतान उत्पादों के व्यापक लाभ को समझते हैं।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘हम ब्रिक्स देशों और उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग का स्वागत करते हैं।’’

ब्रिक्स नेताओं ने समूह के भीतर ‘कॉरेसपॉन्डेंट बैंकिंग नेटवर्क’ को मजबूत करने और ब्रिक्स सीमापार भुगतान पहल (बीसीबीपीआई) के अनुरूप स्थानीय मुद्राओं में निपटान को सक्षम बनाने की बात कही, जो स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी है। ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। अब पांच अतिरिक्त सदस्यों… मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को इसमें शामिल किया गया है। नेताओं ने ब्रिक्स देशों के वित्तीय बाजारों के बुनियादी ढांचे को जोड़ने की व्यावहारिकता का पता लगाने के महत्व को भी स्वीकार किया।

घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हम एक स्वतंत्र सीमापार निपटान और डिपॉजिटरी बुनियादी ढांचे ब्रिक्स क्लियर की स्थापना की व्यावहारिकता पर चर्चा और अध्ययन करने के लिए सहमत हैं। यह मौजूदा वित्तीय बाजार से संबंधित बुनियादी ढांचे का पूरक होगा।’’

साथ ही सदस्य देश स्वैच्छिक आधार पर भागीदारी के साथ ब्रिक्स (पुनर्बीमा) कंपनी समेत ब्रिक्स स्वतंत्र पुनर्बीमा क्षमता विकसित करने पर सहमत हुए हैं। नेताओं ने ब्रिक्स वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को स्थानीय मुद्राओं, भुगतान उत्पादों और मंचों के मुद्दे पर चर्चा जारी रखने का काम सौंपा।

अपने सदस्य देशों के बुनियादी ढांचे और सतत विकास को बढ़ावा देने में नव विकास बैंक (एनडीबी) की भूमिका को पहचानते हुए ब्रिक्स नेताओं ने 2022-2026 के लिए एनडीबी की सामान्य रणनीति को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट संचालन और परिचालन को प्रभावी बनाने को लेकर सुधार का समर्थन किया।

इसमें कहा गया है, ‘‘हम स्थानीय मुद्रा वित्तपोषण के लगातार विस्तार और निवेश तथा वित्तपोषण उत्पादों में नवोन्मेष को मजबूत करने में एनडीबी का समर्थन करते हैं… हम 21वीं सदी में नव विकास बैंक को एक नए प्रकार के बहुपक्षीय विकास बैंक में संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए सहमत हैं।’’

तीन दिवसीय ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद जारी घोषणा में कहा गया है, ‘‘हम एनडीबी सदस्यता को बढ़ाने का समर्थन करते हैं…।’’ ब्रिक्स नेताओं ने अवैध तरीके से वित्त के प्रवाह, मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद के वित्तपोषण, मादक पदार्थों की तस्करी, भ्रष्टाचार और अवैध तथा आतंकवादी उद्देश्यों के लिए क्रिप्टोकरेंसी सहित नई प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग को रोकने तथा उसका मुकाबला करने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।

ब्रिक्स नेताओं ने कर्ज के अधिक बोझ के संबंध में निम्न और मध्यम आय वाले देशों की ऋण कमजोरियों को प्रभावी, व्यापक और व्यवस्थित तरीके से निपटाने की जरूरत को चिन्हित किया है। ब्रिक्स देशों ने ब्रेटन वुड्स संस्थानों (विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) में सुधार का भी आह्वान किया। इसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था में ईएमडीसी (उभरते बाजार विकासशील देश) के योगदान को प्रतिबिंबित करने के लिए नेतृत्व स्तर पर इसका प्रतिनिधित्व बढ़ाने की बात शामिल है।

First Published - October 23, 2024 | 10:28 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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