facebookmetapixel
स्विगी-जॉमैटो पर 18% GST का नया बोझ, ग्राहकों को बढ़ सकता है डिलिवरी चार्जपॉलिसीधारक कर सकते हैं फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल, लेकिन सतर्क रहेंGST 2.0: छोटे कारोबारियों को 3 दिन में पंजीकरण, 90% रिफंड मिलेगा तुरंतSwiggy ऐप पर अब सिर्फ खाना नहीं, मिनटों में गिफ्ट भी मिलेगाGST कटौती के बाद छोटी कारें होंगी 9% तक सस्ती, मारुति-टाटा ने ग्राहकों को दिया फायदा48,000 करोड़ का राजस्व घाटा संभव, लेकिन उपभोग और GDP को मिल सकती है रफ्तारहाइब्रिड निवेश में Edelweiss की एंट्री, लॉन्च होगा पहला SIFएफपीआई ने किया आईटी और वित्त सेक्टर से पलायन, ऑटो सेक्टर में बढ़ी रौनकजिम में वर्कआउट के दौरान चोट, जानें हेल्थ पॉलिसी क्या कवर करती है और क्या नहींGST कटौती, दमदार GDP ग्रोथ के बावजूद क्यों नहीं दौड़ रहा बाजार? हाई वैल्यूएशन या कोई और है टेंशन

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर का असर: Amazon ने चीन, वियतनाम और थाईलैंड से मंगवाना बंद किए कई प्रोडक्ट्स

Amazon के इस फैसले से चीन के छोटे कारोबारियों पर बड़ा असर, बढ़ते टैक्स ने बढ़ाई मुश्किलें

Last Updated- April 10, 2025 | 6:37 PM IST
Amazon

अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव के बीच Amazon ने चीन, वियतनाम और थाईलैंड से आने वाले कई प्रोडक्ट्स के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। इनमें बीच चेयर, स्कूटर और एयर कंडीशनर जैसे सामान शामिल हैं जो पहले इन्हीं देशों से मंगवाए जाते थे। यह कदम तब उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 180 से ज़्यादा देशों से होने वाले आयात पर भारी टैक्स लगाने की घोषणा की। खासकर चीन से आने वाले सामान पर अब 125% तक ड्यूटी लगेगी, जो पहले 104% थी।

इस फैसले के जवाब में चीन ने भी अमेरिका से आने वाले प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ाकर 84% कर दिया है। चीन ने साफ कहा है कि वो इस ‘ट्रेड वॉर’ को “अंत तक लड़ने” के लिए तैयार है। इससे पूरी दुनिया की सप्लाई चेन हिल गई है।

तीसरे पक्ष के विक्रेताओं पर भी असर

Amazon के इस फैसले का असर सिर्फ उसके खुद के स्टॉक पर नहीं, बल्कि उसके प्लेटफॉर्म पर मौजूद लाखों थर्ड-पार्टी विक्रेताओं पर भी पड़ा है। Amazon के टॉप 10,000 विक्रेताओं में से लगभग आधे चीन से हैं, जो अब महंगे टैक्स और बढ़ती लागत से परेशान हैं।

चीन के Amazon विक्रेता अब दो बड़े फैसलों के बीच फंसे हैं — या तो वे अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाएं, या फिर अमेरिकी मार्केट को छोड़ दें। कई विक्रेताओं के लिए यूनिट लागत बढ़ चुकी है, जिससे टॉयज, कपड़े और प्लास्टिक प्रोडक्ट्स जैसे सामान की कीमतें बढ़ी हैं।

छोटे कारोबारियों की सबसे बड़ी मुश्किल

जो छोटे विक्रेता बड़े सप्लायर्स से मोलभाव नहीं कर सकते, उनके लिए ये टैक्स बोझ झेलना नामुमकिन होता जा रहा है। ऐसे में कुछ विक्रेता अब दूसरे देशों के बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं, या Amazon के अलावा दूसरे प्लेटफॉर्म पर अपने प्रोडक्ट्स बेचने की कोशिश कर रहे हैं।

First Published - April 10, 2025 | 6:32 PM IST

संबंधित पोस्ट