लाइट, साउड, वीडियो का बाजार ने एक उद्योग का रूप ले लिया है। जिसको संगठित करने के लिए सरकार और उद्योग दोनों तरफ से प्रयास हो रहे हैं। पिछले महीने मुंबई में पहले विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (WAVES) के सफल आयोजन के बाद आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के सहयोग से प्रोफेशनल ऑडियो, वीडियो के एक्सपो का आयोजन किया गया। यह प्लेटफार्म 2031 तक इस बाजार को 17.3 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद करेगा। इस आयोजन का मकसद भारत के ऑडियो, वीडियो और लाइटिंग उद्योग को नई दिशा देने के साथ भारतीय और विदेशी कंपनियों को एक साथ लाना था।
भारत में प्रोफेशनल ऑडियो, वीडियो और लाइटिंग उद्योग के सबसे बड़े मंच पाम एवी-आईसीएन एक्सपो के 23वां संस्करण का आयोजन मुंबई के बॉम्बे एक्जीबिशन सेंटर किया गया। जिसमें 300 से ज्यादा कंपनियां और 1,000 से अधिक ब्रांड, विशेषज्ञ, व्यापारी और करीब 25,000 लोग शामिल हुए।
इन्फोर्मा मार्केट्स इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर योगेश मुद्रास ने कहा कि यह उद्योग तेजी से बदल रहा है। लोग अब बेहतर और आधुनिक अनुभव चाहते हैं, और भारत स्मार्ट और टिकाऊ ढांचे की ओर बढ़ रहा है। यह एक्सपो भारतीय और ग्लोबल कंपनियों को जोड़ने का बड़ा मंच है, जो ऑडियो, वीडियो और लाइटिंग उद्योग को नई दिशा देता है। यह भारतीय और विदेशी कंपनियों को एक साथ लाता है।
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हरमन प्रोफेशनल सॉल्यूशंस के अमर सुभाष ने कहा कि ऑडियो-वीडियो तकनीक अब होटल, दुकान, स्कूल और परिवहन जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। यह संचार और दक्षता को बेहतर बनाती है। भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और एवी-नेतृत्व वाले परिवर्तन में मजबूत सरकारी निवेश के साथ, देश इस क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में अच्छी तरह से स्थापित हो रहा है।
इवेंट्स और एंटरटेनमेंट मैनेजमेंट एसोसिएशन (ईईएमए इंडिया) के उपाध्यक्ष हर्षल कोठारी ने प्रो ऑडियो, एवी और लाइटिंग उद्योग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में एवी के एक अनिवार्य हिस्सा बनने के साथ, कुशल पेशेवरों और एकीकृत उद्योग प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। सरकार का सहयोग मिलने के कारण अब यह उद्योग बड़े शहरों से निकलकर गांव गांव तक पहुंच चुका है।
आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय के अनुसार भारतीय प्रो ए.वी. बाजार 2025 में 6.5 अरब डॉलर से बढ़कर 2031 तक 17.3 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 12 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ रहा है। एलईडी सेगमेंट में विशेष रूप से मजबूत वृद्धि देखी जा रही है, जो 2024 में 5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी और 2033 तक 19.35 फीसदी की सीएजीआर से 26.7 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इन परस्पर जुड़े क्षेत्रों में बढ़ती मांग और अपार संभावनाओं को उजागर करता है।