महामारी के साल के निचले स्तर के बाद 2021 में आई तेजी के बाद सरकारी नौकरियों में कमी आई है। 2022 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों सहित केंद्र व राज्य दोनों सरकारों के नई पेंशन योजना (NPS) के सबस्क्राइबरों की संख्या 8.8 प्रतिशत घटकर 5,65,500 रह गई है।
केंद्र व राज्य सरकारों ने सभी सरकारी नौकरियों के लिे एनपीएस अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि एनपीएस को सार्वजनिक क्षेत्र में नए रोजगार के सृजन का रूपक माना जा सकता है।
बहरहाल विपक्ष शासित कुछ राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब ने हाल में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने की घोषणा की है और एनपीएस छोड़ दिया है।
2022 में एनपीएस के सदस्य बनने वाले केंद्र सरकार के कुल 1,18,020 सबसक्राइबरों में युवा सबसस्क्राइबरों (18 से 28 साल) की हिस्सेदारी घटकर 65.2 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले के साल में 67.8 प्रतिशत थी।
बहरहाल नई महिला युवा सबस्क्राइबरों की संख्या 2 प्रतिशत बढ़कर 21.2 प्रतिशत हो गई है। वहीं युवा पुरुष सबस्क्राइबरों की संख्या 78.9 प्रतिशत से मामूली घटकर 78.6 प्रतिशत रह गई है।
बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों के इसके पहले किए गए विश्लेषण से यह सामने आया था कि नई औपचारिक नौकरियों में 18 से 25 साल के युवाओं की हिस्सेदारी 2022 में बढ़कर कम से कम 5 साल के उच्च स्तर 56 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो 2018 में 50.9 प्रतिशत थी।
इसकी तुलना में 2022 में राज्य सरकारों के 4,47,480 सबसक्राइबर एनपीएस में शामिल हुए, जिनमें से सिर्फ 33 प्रतिशत ही 18 से 28 साल आयु वर्ग के हैं। इनकी संख्या में पिछले साल की तुलना में 2 प्रतिशत अंक की बढ़ोतरी हुई है।
यह नौकरियां पाने में युवतियों की हिस्सेदारी बहरहाल 2022 में घटकर 35.4 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले के साल में 37.1 प्रतिशत थी। यह केंद्र में दिखी स्थिति के विपरीत है।