उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने की वजह से खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। इस विनाशकारी बाढ़ में चार लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि कई मकान और होटल मलबे में बह गए। स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी इस आपदा से हुए भारी नुकसान का आंकलन कर रहे हैं।
उत्तरकाशी जिले के जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने घटनास्थल के लिए रवाना होने से पहले चार मौतों की पुष्टि की और कहा कि नुकसान का पूरा आकलन कुछ समय बाद ही संभव हो सकेगा। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
धराली (उत्तरकाशी) के प्रभावित क्षेत्रों में जिला प्रशासन, भारतीय सेना, NDRF एवं SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। प्राथमिकता के आधार पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और… pic.twitter.com/EV2ykxQ0bA
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 5, 2025
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नदी में अचानक ऊपर से भारी पानी और मलबा तेजी से आया, जिससे आसपास के मकान और होटल पानी और मलबे की तेज धारा में बह गए। स्थानीय निवासी राजेश पंवार के मुताबिक, खीर गंगा नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में बादल फटा, जिससे यह विनाशकारी बाढ़ आई। उन्होंने कहा कि लगभग 10-12 लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं और करीब 20-25 होटल और होमस्टे बाढ़ में बह गए हैं।
पुलिस और बचाव दल प्रभावित इलाकों में तेजी से खोज और राहत कार्य कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली और तीन ITBP व चार NDRF टीमों को प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए भेजा गया है।
गौरतलब है कि धराली गंगोत्री धाम से लगभग 20 किलोमीटर पहले आता है और यह तीर्थयात्रियों के लिए प्रमुख पड़ाव है। बाढ़ के कारण स्थानीय लोगों और यात्रियों में भय और दहशत का माहौल है, लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंचने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। राहत एवं पुनर्वास कार्य जारी हैं।