इस बार समय से पहले ही और लंबे समय तक पड़ने वाली गर्मी की आशंकाओं के बीच उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने बिजली का अग्रिम इंतजाम करना शुरू कर दिया है। कारपोरेशन ने जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु, राजस्थान और मध्य प्रदेश से बिजली खरीद के लिए विशेष समझौता किया।
पावर कारपोरेशन के मुताबिक इन राज्यों से बैंकिंग आधार पर समझौता किया गया है जिसके तहत मांग की तुलना में उत्तर प्रदेश में बिजली की उपलब्धता ज्यादा होने पर सरप्लस बिजली इन राज्यों को मांग के आधार पर दे दी जाएगी।
गर्मियों में उत्तर प्रदेश में बिजली का संकट होता है और मांग बढ़ती तो उस समय इन राज्यों से बिजली बिना खरीदे वापस मिल जाएगी। गर्मियों के दिनों में एनर्जी एक्सचेंज में बिजली महंगी मिलती है और प्रदेश को खासा पैसा इसकी खरीद पर खर्च करना पड़ता है। बैंकिंग समझौते के बाद प्रदेश को चार राज्यों से गर्मियों में मांग के अनुरूप बिजली मिल जाएगी।
कारपोरेशन अधिकारियों का कहना है कि जिन राज्यों से समझौता किया गया है वहां गर्मियों में उत्तर प्रदेश की तुलना में मांग कम ही रहती है लिहाजा सरप्लस बिजली यहां मिल जाएगी।
उनका कहना है कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली की आपूर्ति बनाए रखने के लिए इस तरह का समझौता किया गया है। गर्मियों में प्रदेश मे बिजली की उपलब्धता बनी रहे और सभी क्षेत्रों को शेड्यूल के मुताबिक आपूर्ति हो इसके लिए देश के अन्य राज्यों से भी बैंकिंग समझौते किए जाएंगे।
पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के मुताबिक पहली बार उत्तर प्रदेश ने जम्मू कश्मीर से 249.29 मिलियन यूनिट, तमिलनाडु से 61.56 मिलियन यूनिट का समझौता किया है। कर्नाटक से इसी तरह का समझौता प्रस्तावित है जबकि राजस्थान से बीते साल 449.6 मिलियन यूनिट का बैंकिंग समझौता किया गया था पर इस बार चार गुना ज्यादा 1976.8 मिलियन यूनिट का समझौता किया गया है।
कारपोरेशन नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) से भी इसी तरह के समझौते की पेशकश कर चुका है और बातचीत अंतिम चरण में है।
पावर कारपोरेशन अध्यक्ष का कहना है कि समय पर किये गये इन प्रयासों से आगामी गर्मियों में प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को लाभ मिलेगा। कारपोरेशन न केवल महंगी बिजली खरीदने से बचेगा बल्कि बैंकिग की इस व्यवस्था से पर्याप्त बिजली होगी।
उनका कहना है कि पावर कारपोरेशन प्रबन्धन गार्मियों के पूर्वानुमान के आधार पर विद्युत उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश अभी से शुरु कर चुका है और पूरी उम्मीद है कि गर्मियों में मांग के अनुरूप सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने में सफलता मिलेगी।