उत्तर प्रदेश में आयकर भरने वालों से लेकर सरकारी पेंशन पाने वाले तक वर्षों से पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) का लाभ ले रहे थे। सम्मान निधि पाने वाले किसानों के सत्यापन के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस तरह के 10 लाख लोगों की पहचान करते हुए उन्हें लाभार्थियों की सूची से बाहर कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसान बन कर योजना का लाभ लेने वालों में सरकारी कर्मचारी, आयकर रिटर्न भरने वाले और 10000 रुपये से ज्यादा की पेंशन पाने वाले तक शामिल थे
उन्होंने कहा कि ई-केवाईसी कराए जाने के बाद 2.63 करोड़ में से 10 लाख इस तरह के किसान बाहर कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी, भूलेख अंकन, खाते को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है।
किसानों को यह सुविधा देने के लिए प्रदेश सरकार बुधवार से पीएम किसान वृहद अभियान की शुरुआत करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 मई से 10 जून तक चलने वाले इस अभियान की शुरुआत बुधवार को राजधानी लखनऊ में करेंगे। इसके तहत प्रदेश की 5000 ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर किसानों को सुविधा दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में पीएम किसान सम्मान योजना से आच्छादित 2.63 करोड़ किसानों में से 1.84 करोड़ का ई-केवाईसी पूरा किया जा चुका है। अब तक 2.19 करोड़ किसानों के आधार को उनके बैंक खातों के साथ जोड़ा जा चुका है। अब केवल 40 से 50 लाख किसान ही बाकी हैं जिनकी ई-केवाईसी होना है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान योजना की शुरुआत से लेकर इस साल अप्रैल तक 55882 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के जरिए किया जा चुका है।
शाही के मुताबिक बुधवार से प्रदेश की 5000 ग्राम पंचायतों में लगने वाले किसान शिविर में कृषि विभाग के साथ राजस्व विभाग के कर्मी, लेखपाल, पंचायत सचिव, डाकघर के प्रतिनिधियों के साथ बैंकों के लोग, कामन सर्विस सेंटर संचालक और ग्राम प्रधान मौजूद रहेंगे। सभी शिविरों में किसानों को बैंक खाते से आधार खाते को जोड़ने की सुविधा आनलाइन दी जाएगी।
इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एक मोबाइल एप तैयार किया गया है। एप के जरिए किसान अपना और किसी एक अन्य का भी केवाईसी कर सकेंगे। शिविर में किसान को ई-केवाईसी के लिए आधार कार्ड, भू अभिलेख, बैंक खाता व पीएम किसान कार्ड लेकर आना होगा।