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लखनऊ-हरदोई बॉर्डर पर बनेगा ₹10,000 करोड़ के निवेश से टेक्सटाइल पार्क, एक लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर बन रहे टेक्सटाइल पार्क में 10000 करोड़ रुपये का निवेश और एक लाख से अधिक रोजगार मिलने की संभावना है।

Last Updated- June 06, 2025 | 3:26 PM IST
Textile park
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और हरदोई जिले की सीमा पर PM मित्र योजना के तहत बन रहे टेक्सटाइल पार्क के लिए मास्टर डेवलपर के चयन का काम तेज हो गया है। पार्क के लिए चयनित मास्टर डेवलपर को विकास कार्यों के लिए दो चरणों में 500 करोड़ रूपये की आर्थिक मदद सरकार देगी। निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर बन रहे टेक्सटाइल पार्क में 10000 करोड़ रुपये का निवेश और एक लाख से अधिक रोजगार सृजन संभावित है।

प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री राकेश सचान ने बताया कि पार्क के लिए लिए भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा समस्त संबंधित राज्यों से विस्तृत विचार विमर्श के बाद मॉडल बिड अभिलेख RFP एवं ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट (DCA) तैयार किया गया है। इस बिड अभिलेख के माध्यम से PM मित्र पार्क के विकास के लिए मास्टर डेवलपर्स का चयन किया जाएगा। योजना से संबंधित RFP दस्तावेज और ड्राफ्ट कंसेशन एग्रीमेंट को अंतिम रूप देकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति की सिफारिशें उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद को अप्रूवल के लिए भेजी जाएंगी।

ड्राफ्ट बिड अभिलेख में दिए गए मुख्य मानदंडों के अनुसार यह परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट, ट्रांसफर (DBFOT) मॉडल पर आधारित है एवं चयनित मास्टर डेवलपर को 50 वर्षों की रियायत अवधि पर दी जानी प्रस्तावित है। परियोजना पूरी होने पर स्थापित होने वाली इकाइयों को योगी सरकार द्वारा विभिन्न मदों में छूट देकर प्रोत्साहित किया जाएगा।

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DBFOT मॉडल के हिसाब से होगा तैयार

DBFOT मॉडल के अनुसार मास्टर डेवलपर पार्क के लेआउट, सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर का डिजाइन तैयार करेगा। मास्टर डेवलपर ही पूरे टेक्सटाइल पार्क का निर्माण करेगा, जबकि सरकार द्वारा दी गई सहायता राशि के साथ ही निजी निवेश से परियोजना को गति दी जाएगी। निर्माण के बाद मास्टर डेवलपर पार्क का संचालन और प्रबंधन करेगा, जबकि रियायत अवधि समाप्त होने के बाद पार्क का स्वामित्व और संचालन अधिकार राज्य सरकार और SPV को वापस सौंप दिया जाएगा। केंद्र सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल्स मास्टर डेवलपर को कोर इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए दो चरणों में 500 करोड़ रुपए प्रदान करेगी। इस क्रम में PM मित्र पार्क उत्तर प्रदेश लिमिटेड नाम से एसपीवी को कंपनी अधिनियम के तहत अधिनियमित किया जा चुका है।

वहीं, योगी सरकार इंडस्ट्रियल यूनिट्स को लैंड कॉस्ट सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी, कैपिटल सब्सिडी, इंट्रेस्ट सब्सिडी, पावर सब्सिडी, एंप्लॉयमेंट सब्सिडी और फ्रेट सब्सिडी के रूप में प्रोत्साहन देगी। पार्क के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में भी कोर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा, जिससे संपूर्ण क्षेत्र का औद्योगिक विकास के साथ-साथ निवेश और व्यापार का वातावरण सृजित होगा।

मंत्री राकेश सचान ने बताया कि चयनित मास्टर डेवलपर वैश्विक मानकों के अनुसार मास्टर प्लान तैयार करने और एसपीवी के दिशा निर्देशों का पालन करने के लिए उत्तरदायी होगा। पार्क के अंदर की अवस्थापना का विकास मास्टर डेवलपर द्वारा अपने जोखिम और लागत पर किया जाएगा। साथ ही वह विपणन, संचालन और रखरखाव हेतु भी उत्तरदायी होगा।

PM मित्र पार्क के विकास एवं संचालन के लिए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त स्वामित्व वाले स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। इस एसपीवी में 51 फीसदी शेयर उत्तर प्रदेश सरकार का होगा एवं शेष 49 फीसदी भारत सरकार का होगा। इसके तहत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि पार्क के लिए 1000 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के साथ ही चार लेन सड़क कनेक्टिविटी, विद्युत आपूर्ति और पानी की आपूर्ति सहित बाह्य बुनियादी ढांचे का विकास करे।

First Published - June 6, 2025 | 3:03 PM IST

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