उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के निजीकरण के लिए कमर कस ली है। सबसे पहले दक्षिणांचल व पूर्वांचल विद्युत वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम्स में उपभोक्ताओं की भलाई के लिए तत्काल रिफॉर्म्स का प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि सभी तरह के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण व बाधारहित विद्युत आपूर्ति उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए जो भी आवश्यक रिफॉर्म्स की आवश्यकता हो वो किया जाए।
विद्युत वितरण क्षेत्र में रिफॉर्म्स और निजीकरण के विभिन्न पहलुओं को लेकर इस क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों एवं भागीदार संस्थाओं के साथ विचार विमर्श के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत क्षेत्र में रिफॉर्म्स आज समय की मांग हैं। खासतौर पर दक्षिणांचल और पूर्वांचल डिस्कॉम्स में तत्काल रिफॉर्म्स किए जाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लिया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हमें कठोर व जिम्मेदारी भरे फैसले लेने होंगे। प्रदेश में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या है। प्रदेश में 75 फीसदी जमीन पर कृषि की जाती है। इसमें बिजली का बड़ा महत्व है। इसी तरह प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक विकास के लिए भी बाधारहित विद्युत आपूर्ति बहुत आवश्यक है। सभी क्षेत्रों खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को भी अनवरत विद्युत प्राप्त हो, इसके लिए जरूरी है कि निजी क्षेत्र को वितरण में भागीदार बनाया जाए। कृषि क्षेत्र को अच्छी सिंचाई सुविधा मिले, लोगों के रहन-सहन, कृषि आय बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना के लिए दक्षिणांचल एवं पूर्वांचल डिस्कॉम का रिफॉर्म और निजी क्षेत्र की सहभागिता के लिए काम किया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता, उद्योगों और कार्मिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बिजली निजीकरण को लेकर चल रहे विरोध पर उन्होंने कहा कि कोई भी रिफॉर्म होता है तो शुरुआत में लोग उसका विरोध करते हैं, लेकिन जब इससे उनके जीवन में सुधार होता है तो वो इसे पसंद करते हैं। उन्होंने ग्रेटर नोएडा का उदाहरण देते हुए कहा कि अब लोग एनपीसीएल का कनेक्शन लेना चाहते हैं। निजीकरण से आपूर्ति में सुधार हुआ है, लाइन हानियां कम हुई हैं।
प्रमुख सचिव ऊर्जा नरेंद्र भूषण ने कहा कि दिल्ली, उड़ीसा, चंडीगढ़ समेत देश के कई हिस्सों में विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए रिफॉर्म्स और निजीकरण किया गया है जो बेहद सफल भी रहा है। यूपीपीसीएल के चेयरमैन डॉ आशीष गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है। दक्षिणांचल और पूर्वांचल जैसे डिस्कॉम्स में सुधार की तत्काल आवश्यकता है। अध्यक्ष ने कहा कि दोनों डिस्कॉम अन्य की तुलना में बहुत पीछे है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
योगी सरकार का मास्टरस्ट्रोक, यूपी के लोगों के पास होंगे 85 लाख 50 हजार करोड़
Force Motors: योगी सरकार से मिला ‘बहुत बड़ा’ ऑर्डर, तो शेयर हुआ 7,300 के पार