प्रतीकात्मक तस्वीर
उत्तर-प्रदेश की योगी सरकार ने अब यूपी को देश के बीमारु राज्यों की कतार से बाहर निकालने और यूपी के लोगों को अमेरिकी डॉलर में हिस्सा मिलने का इंतजाम किया है। इसके लिए यूपी सरकार ने 1000 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य निर्धारित किया है। यूपी सरकार की इस बात का समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई (NRI) एवं निवेश प्रोत्साहन (Investment Incentives) मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा है कि राज्य सरकार पांच साल की निर्यात नीति लाने की तैयारी कर रही है। इस नीति का मकसद देश के कुल निर्यात में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत करने का है। साथ ही इससे राज्य को 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिल सकेगी। नई निर्यात नीति 2025-30 के लिए होगी जो मौजूदा पांच वर्षीय नीति की जगह लागू होगी। राज्य सरकार निर्यातकों को राज्य से निर्यात बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन देने के साथ उनकी हरसंभव मदद भी कर रही है।
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उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई (NRI)एवं निवेश प्रोत्साहन (Investment Incentives)मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 2025-30 निर्यात नीति पर काम कर रही है, जिसमें समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ई-मेल के जरिये दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि नई निर्यात नीति राज्य की हिस्सेदारी को 2023-24 के 4.71 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत करने के लक्ष्य के साथ तैयार की जा रही है। इस नीति का उद्देश्य आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में तेजी लाना भी है। निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान देने से उत्तर प्रदेश 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा, जिससे राजस्व में वृद्धि होगी तथा विकास को बढ़ावा मिलेगा। चूंकि राज्य सरकार ने निर्यात के साथ-साथ निवेश अनुकूल नीतियां अपनाई हैं, साथ ही राज्य में सुचारू लॉजिस्टिक्स सुविधाओं का निरंतर विकास किया है…इससे राज्य से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और राज्य को 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में अहम सहायता मिलेगी। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि में देश के कुल निर्यात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 4.89 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत का माल एवं सेवा निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 800 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 778 अरब अमेरिकी डॉलर था।
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यूपी सरकार के मंत्री ने बताया कि राज्य पहले से ही विपणन विकास सहायता, गेटवे पोर्ट स्कीम और एयर फ्रेट रेशनलाइजेशन योजनाओं के तहत निर्यातकों को प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि जेवर हवाई अड्डे से निर्यातकों को विदेशी गंतव्यों से संपर्क बढ़ाने में मदद मिलेगी। हवाई अड्डे से समय और माल ढुलाई पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। ‘एक जिला एक उत्पाद योजना’ ने विभिन्न जिलों की विभिन्न पारंपरिक कलाओं में लगे पारंपरिक कारीगरों को रोजगार देने और उनका कौशल बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राज्य सरकार कारीगरों के कौशल को उन्नत करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ ‘टूलकिट’ प्रदान कर रही है ताकि वे अपना उद्यम स्थापित कर सकें। गुप्ता ने बताया कि योजना की शुरुआत से लेकर अबतक सरकार ने पूरे राज्य में 1,33,472 कारीगरों को प्रशिक्षित किया है। यह योजना जनवरी, 2018 में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए जिला-विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर विभिन्न जिलों में प्रचलित पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा देने के मकसद से शुरू की गई थी।
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