अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत इस साल के अंत तक रूस से तेल की खरीद में बड़ी कटौती करेगा। उन्होंने कहा कि यह एक धीरे धीरे चलने वाली प्रक्रिया है। ट्रंप का यह बयान रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाने के बाद आया है।
ट्रंप ने कहा, “भारत ने मुझे बताया है कि वे रूसी तेल की खरीद बंद करेंगे। यह एक प्रक्रिया है जिसे एकदम से रोका नहीं जा सकता। साल के अंत तक वे इसे लगभग बंद कर देंगे, करीब 40 प्रतिशत तेल तक कम हो जाएगा। मैंने कल प्रधानमंत्री मोदी से बात की, वे बहुत सहयोगी रहे हैं।”
ट्रंप ने चीन और रूस के रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अगर चीन और अमेरिका के बीच 1 नवंबर तक कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो चीन पर 155 प्रतिशत तक टैक्स लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “चीन का रूस के साथ रिश्ता थोड़ा अलग है। पहले यह रिश्ता अच्छा नहीं था, लेकिन बाइडेन और ओबामा की नीतियों की वजह से दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। ऐसा नहीं होना चाहिए था। वे दोनों दोस्त नहीं रह सकते। मैं चाहता हूं कि वे अच्छे रहें, लेकिन ऐसा संभव नहीं है।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं पीएम मोदी से इस बारे में बात कर रहा हूं कि रूस और यूक्रेन का युद्ध कैसे खत्म किया जाए, चाहे वह तेल के जरिए हो या ऊर्जा के जरिए। मुझे लगता है पीएम मोदी इस पर सकारात्मक रुख दिखाएंगे,”
व्हाइट हाउस में दीवाली समारोह के दौरान ट्रंप ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यापार और ऊर्जा के मुद्दों पर बातचीत की है। उन्होंने कहा, “हमने कई विषयों पर बात की, लेकिन ज्यादातर व्यापार को लेकर।”
ट्रंप ने दावा किया कि मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल की खरीद घटाएगा। ट्रंप ने कहा, “वह रूस से अब ज्यादा तेल नहीं खरीदेंगे। वे भी चाहते हैं कि यह युद्ध खत्म हो।”
यह लगातार दूसरा हफ्ता है जब ट्रंप ने दावा किया है कि मोदी ने रूस से तेल आयात कम करने का वादा किया है। रविवार को भी उन्होंने कहा था, “मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की, उन्होंने कहा कि वे रूसी तेल नहीं खरीदेंगे।”
जब पत्रकारों ने पूछा कि भारत ने ऐसा बयान देने से इनकार किया है, तो ट्रंप बोले, “अगर वे ऐसा कहना चाहते हैं, तो उन्हें भारी कर चुकाना पड़ेगा, और वे ऐसा नहीं चाहते।”
रूसी तेल लंबे समय से अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक विवाद का मुद्दा रहा है। अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल खरीदने से यूक्रेन में चल रहे युद्ध को मदद मिलती है। अमेरिकी आंकड़ों के अनुसार, भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत कर में से लगभग आधे रूस से तेल खरीद जारी रखने के कारण हैं।
इस बीच, भारतीय सरकारी तेल कंपनियां अब अपने रूसी सप्लायर्स के समझौतों की जांच कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे रूस की प्रतिबंधित कंपनियों रोसनेफ्ट या लुकोइल से तेल नहीं खरीद रही हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, तेल कंपनियां अब अपने व्यापार और शिपिंग दस्तावेजों की जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके सौदों में प्रतिबंधित कंपनियों की कोई भूमिका तो नहीं है।
ट्रंप सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में रूस पर यूक्रेन युद्ध को लेकर पहले बड़े प्रतिबंध लगाए हैं। ये प्रतिबंध रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों लुकोइल और रोसनेफ्ट पर लगाए गए हैं। अमेरिका का कहना है कि इस कदम से मॉस्को पर दबाव बढ़ाया जाएगा ताकि वह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करे।