प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों और चीन पर संभावित नए निर्यात नियंत्रण के कारण भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने और सुरक्षित निवेश वाली संपत्तियों की मांग में इजाफा होने से गुरुवार को सोने की कीमतों में तेजी आई। जीएमटी 11.21 बजे तक हाजिर सोना 0.5 प्रतिशत बढ़कर 4,114.06 डॉलर प्रति औंस हो गया। एक सत्र पहले यह लगभग दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया था।
दिसंबर डिलिवरी के लिए अमेरिकी सोना वायदा 1.6 फीसदी बढ़कर 4,128.40 डॉलर प्रति औंस हो गया। निमो डॉट मनी के मुख्य बाजार विश्लेषक हान टैन ने कहा, ‘सोना बेहद जरूरी तकनीकी पुलबैक के बाद अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा है और भू-राजनीतिक जोखिम के बीच सुरक्षित दांव के रूप में इसकी जरूरत बनी रह सकती है।’
डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन चीन को लैपटॉप से लेकर जेट इंजन तक, सॉफ्टवेयर-संचालित कई निर्यातों पर अंकुश लगाने पर विचार कर रहा है ताकि दुर्लभ मैग्नेट के निर्यात पर चीन के नए प्रतिबंधों का जवाब दिया जा सके। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार रूस पर यूक्रेन संबंधी प्रतिबंध लगाए जिनमें तेल कंपनियां लुकोइल और रोसनेफ्ट शामिल हैं।
इस वर्ष सोने की कीमतों में लगभग 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। सोने की कीमत सोमवार को 4,381.21 डॉलर के सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गई जिसे भू-राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितताओं, ब्याज दरों में कटौती के दांव और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीद से बल मिला।
सभी की नजरें शुक्रवार को अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं जिसमें सरकारी कामकाज ठप होने के कारण देर हुई है।