रियल एस्टेट

ज़ेवर एयरपोर्ट पर ट्रॉयल शुरू, रिकार्ड मुनाफा कमा रहे प्रॉपर्टी में इन्वेटमेंट करनेवाले

ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जिसकी भी ज़मीन है, वो मालामाल हो रहा है। 5 साल में ही वो मुनाफा हुआ, जो सोच से परे है। 2023 तक पूछो ही मत।

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निमिष कुमार   
Last Updated- December 31, 2024 | 2:37 AM IST

दिल्ली से लगे ज़ेवर में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार, 9 दिसंबर को कर्मशियल फ्लाइट ऑपरेशन का ट्रॉयल शुरू हुआ। विमान को बाकायदा वॉटर कैनन की सलामी दी गई। नोएडा एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी ने बताया कि ट्रॉयल को 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। एक बार सभी पक्षों का ट्रॉयल पूरा होने पर एयरपोर्ट से फ्लाइट का संचालन शुरू होगा। इस प्रक्रिया में नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, एनआईएएल, और उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग शामिल होंगे। ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट्स के संचालन अप्रैल, 2025 से शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) के शिलान्यास से टॉयल तक पहुंचते- पहुंचते इस इलाके के रियल इस्टेट (Jewar Real Estate) में भी रिकार्ड तेजी देखी गई है। पिछले पांच साल में ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट इलाके में ज़मीन की कीमतों में 40 फीसदी तक वृध्दि हुई है।

जेवर एयरपोर्ट के Real Estate पर क्या कहती है इंटरनेशनल रिपोर्ट

रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली कोलियर्स की ‘बुनियादी ढांचा और वृहद परियोजनाएं… भारत में शहरी विस्तार के प्रमुख कारक’ शीर्षक से सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, जेवर में जमीन की कीमतें 2030 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के मुबातिक इन उपायों ने पिछले पांच साल में जमीन की कीमत 5,000 रुपये से बढ़कर 7,000 रुपये प्रति वर्ग फुट (2020-2024) तक पहुंच गयी है और 2030 तक इसके 10,482 रुपये प्रति वर्ग फुट होने का अनुमान है। जेवर भारत के आठ उभरते छोटे रियल एस्टेट बाजारों में से एक है। अन्य सात छोटे बाजार सोनीपत (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र), खोपोली (मुंबई महानगर) गिफ्ट सिटी और साणंद (अहमदाबाद), डोड्डाबल्लापुर (बेंगलुरु) ओरगादम (चेन्नई) और मुचेरला (हैदराबाद) हैं। कुल 1,334 एकड़ में फैला जेवर हवाई अड्डा अभी निर्माणाधीन है और इसके 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।

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कोलियर्स इंडिया की रिपोर्ट में कहा कि जेवर हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश में शहरीकरण को गति दे रहा है। दिल्ली, नोएडा और आगरा के शहरी केंद्रों को जोड़ने वाले नवनिर्मित यमुना एक्सप्रेसवे (yamuna expressway) के साथ इसका रणनीतिक स्थान एक विशिष्ट लाभ के रूप में काम करता है। रिपोर्ट के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA), अंतरराष्ट्रीय फिल्म सिटी (International Film City) और मेट्रो लाइन विस्तार जैसी सरकारी उपायों ने एक कस्बे के रूप में जेवर के विकास को गति दी है। रिपोर्ट के मुताबिक जेवर यमुना-एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित एक छोटा कस्बा है। यह रणनीतिक बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विस्तार और विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ तेजी से एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है। रिपोर्ट के अनुसार, जेवर रियल एस्टेट के छोटे बाजार के रूप में तेजी से उभर रहा है। इसका कारण जेवर हवाई अड्डा (नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा), मेट्रो का विस्तार और अन्य शहरी परियोजनाओं जैसे प्रमुख बुनियादी ढांचे का विकास है। इससे मजबूत आर्थिक विकास की संभावनाएं बनी है।

पूरी तरह से कर्मशियल ऑपरेशन शुरू होने के बाद ज़ेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। इसका शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में किया था। ज़ेवर एयरपोर्ट का रवने 3.9 किलोमीटर लंबा और 60 मीटर चौड़ा है।

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First Published : December 9, 2024 | 5:41 PM IST