डेलॉयट इंडिया ने बढ़ती मांग एवं नीतिगत सुधारों के बीच चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था के 6.7-6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का गुरुवार को अनुमान लगाया। भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
पेशेवर सेवा कंपनी डेलॉयट ने कहा कि घरेलू मांग में तेजी, उदार मौद्रिक नीति तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) 2.0 जैसे संरचनात्मक सुधारों से वृद्धि को बल मिलने की संभावना है। कम महंगाई, क्रय शक्ति में सुधार के साथ खर्च बढ़ाने में योगदान देगी।
डेलॉयट इंडिया की ‘भारत आर्थिक परिदृश्य’ रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 से 6.9 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है जो डेलॉयट के पिछले अनुमान से 0.3 फीसदी ज्यादा है। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर औसतन 6.8 फीसदी बनी हुई है।
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डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि उपभोग व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि से होने की संभावना है। इसके बाद मजबूत निजी निवेश की उम्मीद है क्योंकि व्यवसाय अनिश्चितताओं का सामना करने और बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
मजूमदार ने कहा, ‘‘यह भी अनुमान है कि भारत साल के अंत तक अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता कर लेगा जिससे समग्र निवेश धारणा में सुधार होने की उम्मीद है। पहली एवं तीसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि से समग्र वार्षिक वृद्धि को बल मिलने की संभावना है।’’
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चालू वित्त वर्ष में हालांकि वृद्धि, वैश्विक चुनौतियों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है। बढ़ती व्यापार अनिश्चितताएं और अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने में भारत की असमर्थता, ऐसे संभावित जोखिम हैं जो भारत की आर्थिक वृद्धि को प्रभावित कर सकते हैं। महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच पर प्रतिबंध और पश्चिमी देशों में उच्च मुद्रास्फीति, भारत में महंगाई के दबाव को बढ़ा सकते हैं।
(PTI इनपुट के साथ)