उत्तर प्रदेश के दर्जनभर से ज्यादा जिलों में दो दिनों से हो रही बारिश, आंधी और ओले गिरने से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा और पानी से जहां गेहूं की फसल खेतों में लोट गयी है वहीं सरसो, मटर और चने की तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश में आलू बेल्ट कहे जाने वाले जिलों इटावा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, औरैया और अलीगढ़ में तेज आंधी पानी की वजह से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। बारिश और अंधड़ के चलते उद्यान विशेषज्ञों ने आम की आने वाली फसल में खर्रा कीट लगने की आशंका जताई है।
शनिवार तड़के शुरु हुई बारिश और तेज हवाओं का सिलसिला रविवार को दिन भर जारी रहा और प्रदेश में कई जगह जमकर ओले गिरे हैं। रविवार को दिन में तीन बार राहत विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए अलर्ट जारी किया।
विभाग ने अमेठी, अयोध्या, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, श्रावस्ती, सीतापुर और उन्नाव में कई स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ हवा की गति 40- 60 किमी प्रति घंटे होने की संभावना जतायी। ऐसे में विभाग ने लोगों को घरों से बहुत जरूरत होने पर ही बाहर निकलने की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि से बचा जा सके। प्रदेश में बारिश और बिजली गिरने से चार लोगों की मौत हो गयी है।
राजधानी लखनऊ और कानपुर में 36 घंटे से रुक-रुक कर बारिश होती रही है और दिन में कई बार ओले गिरे हैं। हरदोई और जालौन में बारिश के साथ ओले गिरे हैं। बारिश के चलते प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर तापमान पांच से नौ डिग्री तक गिर गया है और ठंड के दिन फिर लौट आए हैं।
मौसम विभाग ने प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है वहीं पश्चिम के दर्जन भर जिलों में मध्यम बारिश के साथ तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार को भी प्रदेश में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा और मंगलवार को दोपहर बाद धूप खिल सकती है।
उधर प्राकृतिक आपदा की मार झेलने वाले किसानों के लिए योगी सरकार ने फसलों की सर्वे का काम तेजी से करते हुए मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश सरकार ओलावृष्टि व बारिश के कारण सरसो, मटर, मसूर, गेहूं, चना आदि फसलों के नुकसान का लगातार सर्वे करा रही है।
राहत विभाग के मुताबिक अब तक 19 से 28 फरवरी तक के बीच छह जिलों के लगभग 150 से अधिक गांवों में 33 फीसदी से अधिक फसलों की क्षति का आकलन किया गया है। इस अवधि की बारिश के बाद भी होने वाले नुकसान का सरकार आकलन करा रही है। सर्वे रिपोर्ट के बाद किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं।