facebookmetapixel
Vedanta करेगी ₹13,226 करोड़ का निवेश, एल्यूमिनियम क्षमता 3.1 मिलियन टन तक बढ़ेगी10 साल में 515% का रिटर्न! IT सेक्टर से जुड़ी कंपनी देगी 200% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेBSNL अगले 8 महीने में अपने सभी 4G टावर्स को 5G में अपग्रेड करेगा: ज्योतिरादित्य सिंधियासिल्वर आगे, पर गोल्ड पर दांव लगाने की सलाह क्यों?क्या सोना-चांदी की कीमतों में और तेजी देखने को मिलेगी? सबकी नजर अमेरिकी फंडिंग बिल और डॉलर परचांदी ने 9 महीनों में 61% की बढ़त बनाई, 2025 में सोने से आगे निकलीबिटकॉइन ने बनाया नया रिकॉर्ड: कीमत ₹1.11 करोड़ पार, निवेशकों में जोश!शेयर बाजार में इस हफ्ते कैसा रहेगा हाल? TCS रिजल्ट और ग्लोबल फैक्टर्स पर रहेंगी नजरेंUpcoming IPO: टाटा कैपिटल, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अगले हफ्ते 27,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के आईपीओ लाएंगे15 नवंबर से बदलेंगे टोल टैक्स के नियम, बिना FASTag देना होगा ज्यादा पैसा

Uttar Pradesh: सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी, महिला ने भाई से की शादी

यह जोड़ा पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उन्होंने योजना के तहत ₹51,000 हासिल करने के लिए खुद को अविवाहित दिखाया।

Last Updated- March 19, 2024 | 6:37 PM IST
46% women left work after marriage 42% men took loans for divorce: Survey

उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से जुड़ी धोखाधड़ी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। NDTV में छपी खबर के मुताबिक, 5 मार्च को आयोजित एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में, प्रीति यादव नाम की एक महिला ने योजना का लाभ उठाने के लिए अपने ही भाई कृष्णा से शादी कर ली। यह घटना तब हुई जब प्रीति का असल दूल्हा रमेश यादव समय पर कार्यक्रम स्थल पर नहीं पहुंच सका।

यह जोड़ा पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उन्होंने योजना के तहत ₹51,000 हासिल करने के लिए खुद को अविवाहित दिखाया। जांच के बाद, भाई-बहन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और एक ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया गया।

योजना के तहत शादी करने वाले जोड़ों को ₹51,000 की सहायता राशि दी जाती है। इसमें से ₹35,000 दुल्हन के बैंक खाते में भेजे जाते हैं, ₹10,000 गिफ्ट के लिए, और ₹6,000 समारोह के लिए दिए जाते हैं।

इसके पहले जनवरी में बलिया में 240 से अधिक अयोग्य लोगों ने योजना का लाभ उठाने के लिए अपना नामांकन कराया था। जांच के लिए 20 टीमें गठित की गईं और घर-घर जांच की गई। इसके बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें कुछ सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं।

इस घटना के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने नवविवाहित जोड़ों के विवरण को आधार से जोड़ने का निर्णय लिया है। राज्य के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने कहा कि धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार कार्यक्रम में जोड़ों को मौके पर ही विवाह प्रमाण पत्र देगी।

First Published - March 19, 2024 | 6:37 PM IST

संबंधित पोस्ट