माफिया से राजनीतिक नेता बने अतीक अहमद को प्रयागराज ले जा रही उत्तर प्रदेश पुलिस का काफिला झांसी जिले में प्रवेश से पहले सोमवार सुबह थोड़ी देर के लिए मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में रुका। जैसे ही काफिला शिवपुरी जिले के खराई में रुका, सफेद पगड़ी पहने अहमद शौच के लिए पुलिस वैन से नीचे उतरा तो पत्रकारों ने उससे पूछा कि क्या वह ‘‘डर’’ रहा है तो उसने जवाब दिया ‘‘काहे का डर।’’
इसके तुरंत बाद ही पुलिसकर्मी उसे पत्रकारों से दूर ले गए। गौरतलब है कि अहमदाबाद में साबरमती सेंट्रल जेल से रविवार शाम बाहर निकलने के बाद अहमद ने आशंका जताई थी कि उसकी हत्या की जा सकती है। सुरक्षाकर्मियों द्वारा पुलिस वाहन में ले जाने के दौरान अहमद ने जेल के बाहर संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हत्या, हत्या’’।
स्थानीय पुलिस अधिकारी मनीष कुमार जादौन ने कहा, ‘‘काफिला शिवपुरी जिले के खराई में सुबह करीब सात बजे रुका ताकि अहमद शौच कर सके।’’ एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि अहमद का काफिला शिवपुरी जिले में कुछ देर रुकने के बाद सुबह करीब नौ बजे उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में दाखिल हुआ। उत्तर प्रदेश पुलिस एक अदालती मामले को लेकर माफिया अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद में स्थित साबरमती केंद्रीय जेल से प्रयागराज ले जा रही है।
अहमद समाजवादी पार्टी (सपा) का पूर्व सांसद है और जून 2019 से साबरमती जेल में बंद है। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट के आरोप में उच्चतम न्यायालय ने उसे वहां स्थानांतरित कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि हाल में उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में उसका नाम है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुब्रत पाठक ने कहा था कि माफिया विकास दुबे की तरह अतीक अहमद की गाड़ी पलट जाए तो उन्हें हैरानी नहीं होगी।
गौरतलब है कि दुबे को जुलाई 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल द्वारा गोली मार दी गई थी। दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था तब एक राजमार्ग पर रहस्यमय परिस्थितियों में उसे ले लाने वाली एसयूवी पलट गई थी। पुलिस का दावा है कि उसने भागने की कोशिश की थी।