हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को अपनी नासिक स्थित एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग डिवीजन में तीसरी तेजस प्रोडक्शन लाइन शुरू की। HAL के अधिकारियों ने बताया कि इस साल के अंत तक भारतीय वायुसेना (IAF) को पहला तेजस मार्क-1A (Mk1A) लड़ाकू विमान मिल सकता है। इसके साथ ही, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों ने इस स्वदेशी जेट में रुचि दिखाई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नासिक में नई तेजस प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने इस लाइन से निकले पहले Mk1A जेट की पहली उड़ान भी देखी। साथ ही, HAL द्वारा डिज़ाइन और विकसित स्वदेशी बेसिक ट्रेनर विमान हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 (HTT-40) की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर एक HTT-40 और सुखोई Su-30MKI के साथ तेजस ने आसमान में उड़ान भरी और तीनों ने मिलकर शानदार हवाई करतब दिखाए।
HAL की नासिक फैसिलिटी सुखोई Su-30MKI विमानों की मरम्मत और ओवरहॉल का काम भी करती है। पहले इसने सोवियत और रूसी मूल के करीब 1,000 जेट्स का लाइसेंस के तहत प्रोडक्शन किया है, जिसमें 575 मिग-21, 270 सुखोई Su-30MKI और 125 मिग-27 शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युद्ध की प्रकृति तेजी से बदल रही है। ऐसे में HAL को तेजस और HTT-40 से आगे बढ़कर अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों, ड्रोन सिस्टम और सिविल एविएशन में अपनी जगह बनानी होगी।
HAL के अधिकारियों ने बताया कि तेजस Mk1A की डिलीवरी इस साल के अंत तक शुरू हो सकती है, लेकिन इसके लिए हथियारों के परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “यह एक हथियार डिलीवरी प्लेटफॉर्म है।” स्वदेशी एस्ट्रा बियॉन्ड-विज़ुअल-रेंज मिसाइल, ब्रिटिश ASRAAM मिसाइल (नजदीकी युद्ध के लिए) और लेजर-गाइडेड बम (जमीनी हमले के लिए) का सफल एकीकरण जरूरी है।
HAL पहले फरवरी 2024 तक डिलीवरी शुरू करने का लक्ष्य रख चुकी थी, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस से F404-IN20 इंजनों की देरी के कारण यह संभव नहीं हो सका। कंपनी ने अब तक करीब 10 Mk1A विमान बनाए हैं, जिनमें से ज्यादातर में अस्थायी तौर पर रिजर्व इंजन लगाए गए हैं। 30 सितंबर को GE ने चौथा F404 इंजन सौंपा, जिसके बाद इंजन आपूर्ति की स्थिति स्थिर होने की उम्मीद है। हथियारों का एकीकरण भी एक चुनौती रहा है। HAL ने पहले आश्वासन दिया था कि 2025-26 तक 12 Mk1A विमान डिलीवर कर दिए जाएंगे।
HAL के अधिकारियों ने बताया कि अगर विदेशों से ऑर्डर मिले तो नासिक में चौथी तेजस प्रोडक्शन लाइन शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा, “हमें विदेशों से कई पूछताछ मिल रही हैं। अगर मांग बढ़ती है तो हम यहां एक और लाइन शुरू कर सकते हैं।” हालांकि, उन्होंने उन देशों के नाम नहीं बताए, लेकिन दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका से रुचि की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की ओर से सक्रिय समर्थन मिल रहा है।
नासिक की तीसरी लाइन की मौजूदा क्षमता हर साल आठ Mk1A विमान बनाने की है, लेकिन अगले दो साल में इसे बढ़ाकर 10 विमान सालाना करने की योजना है। बेंगलुरु की दो मौजूदा लाइनों के साथ मिलकर HAL की कुल प्रोडक्शन कैपेसिटी 24 तेजस Mk1A विमान सालाना होगी। निजी भागीदारों के साथ मिलकर HAL 2027 के अंत तक इसे 30 विमान सालाना तक ले जाना चाहती है।
फरवरी 2021 में 83 तेजस Mk1A विमानों का पहला ऑर्डर 36,400 करोड़ रुपये में मिला था, जिसकी डिलीवरी फरवरी 2028 तक पूरी होनी है। सितंबर में HAL को 97 Mk1A विमानों का दूसरा ऑर्डर मिला, जिसमें 68 सिंगल-सीट फाइटर और 29 ट्विन-सीट ट्रेनर शामिल हैं। इसकी कीमत 62,370 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इस ऑर्डर की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होकर छह साल में पूरी होगी।
IAF ने तेजस Mk1 के दो स्क्वाड्रन पहले ही ऑपरेशनल कर लिए हैं। बेहतर Mk1A एक स्वदेशी डिज़ाइन, विकसित और निर्मित 4.5-जेनरेशन फाइटर विमान है। इसमें एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार, बियॉन्ड-विज़ुअल-रेंज मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सुइट और हवा में ईंधन भरने की क्षमता है।