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Tamilnadu: तमिलनाडु में नयी पहल, होटलों में ड्राइवरों को जगह देना जरूरी

टैक्सी चालक और ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस कदम की सराहना कर रही हैं जबकि होटल मालिक इसका विरोध कर रहे हैं।

Last Updated- July 05, 2023 | 11:42 PM IST
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चाहे तमिलनाडु के अधिकतर पर्यटन स्थलों पर चिलचिलाती गर्मी रहे या फिर ऊटी की कंपकंपा देने वाली सर्दी, जहां तापमान भी कभी-कभी शून्य डिग्री तक पहुंच जाए, लेकिन पी मणिमारन जैसे टैक्सी चालकों का जीवन उनकी गाड़ी के इर्द-गिर्द ही रहता है। मौसम के इस सितम के दौरान भले ही मेहमान होटलों के कमरों में आराम करें, लेकिन उन्हें अपनी कार के भीतर ही सोने के लिए जगह मिलती है।

इसलिए राज्य सरकार ने 28 जून को होटलों के लिए नया आदेश जारी किया है। सरकार ने अब सभी होटलों के पार्किंग क्षेत्र से 250 मीटर के आसपास कमरे और शौचालय रहना अनिवार्य कर दिया है। इस कदम से प्रदेश 5 लाख टैक्सी चालकों को फायदा मिलेगा।

चेन्नई के टैक्सी चालक मणिमारन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हम खराब मौसम के दौरान काफी संघर्ष करते थे। खासकर गर्मी के मौसम में स्थिति और दुश्वार हो जाती हैं। यह मेरे जैसे टैक्सी चालकों के लिए स्वागतयोग्य निर्णय है। हमें सिर्फ एक साफ शौचालय और ऐसे बिस्तर की जरूरत रहती है जिस पर हम आराम से सो सकें।’

स्टैटिस्टा द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु में सर्वाधिक 4.46 लाख टैक्सियां हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 3.49 लाख और कर्नाटक में 3.45 लाख टैक्सियां हैं।

आवास और शहरी विकास विभाग ने आदेश जारी कर यह अनिवार्य किया है कि होटल के 250 मीटर के भीतर या होटल में ही ठहरने के लिए जगह होनी चाहिए। नए नियम के अनुसार, होटल और लॉज को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पार्किंग क्षेत्रों के पास बिस्तर रहे और हर आठ बिस्तर पर एक शौचालय रहे।

होटल मालिक इस कदम का कर रहे हैं विरोध

हालांकि, टैक्सी चालक और ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस कदम की सराहना कर रही हैं जबकि होटल मालिक इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस नियम से अतिरिक्त निवेश करना होगा साथ ही साथ शहरी इलाकों में जगह की कमी के कारण ऐसा करना संभव भी नहीं हो सकेगा। होटल मालिकों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना कुछ सोचे-समझे यह निर्णय लिया है।

साउथ इंडिया होटल्स ऐंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के संचालन निदेशक सुंदर सिंगरम का कहना है, ‘इसे लागू करने में कई तरह की व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। पहले भी कई होटलों ने सोने के लिए जगह उपलब्ध कराई है, लेकिन चालक वहां ताश खेलकर, शराब पीकर और यहां तक कि झगड़ा कर उसका दुरुपयोग करते हैं। शहरी होटलों के सामने सीमित जगह होती है और 250 मीटर के भीतर ऐसी व्यवस्था कराना अव्यावहारिक है।

एसोसिएशन के अनुसार, तमिलनाडु में करीब 10 हजार सूचीबद्ध और गैर सूचीबद्ध होटल हैं। इनमें से सभी होटलों औसतन 2 लाख रुपये प्रति होटल खर्च करने होंगे मगर राज्य में इस क्षेत्र में 200 से 250 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त निवेश हो सकता है।’

उद्योग के एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘आईटीसी ग्रैंड चोला जैसे प्रीमियम होटल का ही अगर हम उदाहरण लें तो इसके पास 600 से अधिक कमरे हैं और संभवतः 800 कारों की पार्किंग के लिए जगह है। इसका मतलब हुआ कि इसे टैक्सी चालकों के लिए भी उतने ही बिस्तर रखने होंगे।’

ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस फैसले से उत्साहित

सिंगरम ने कहा कि होटला मालिकों के पास मुख्य समस्या उसके भुगतान को लेकर है। सिंगरम ने कहा, ‘उसके लिए कौन पैसे देगा? मेहमान या टैक्सी कंपनियां। वे पहले से ही ग्राहकों से रात में ठहरने के लिए अतिरिक्त पैसे लेते हैं। यह सशुल्क रहेगी या निःशुल्क यह भी स्पष्ट नहीं है। हम अपने सदस्यों से जानकारी जुटा रहे हैं और जल्द अपनी चिंताओं के बारे में सरकार को अवगत कराएंगे।’

वहीं दूसरी तरफ, ट्रांसपोर्ट कंपनियां इस फैसले से उत्साहित दिख रही हैं और उन्होंने संकेत दिया है कि वे इसके लिए भुगतान कर सकते हैं।

श्रीवारी ट्रैवल्स के निदेशक अरिजित सुरेंद्र ने कहा, ‘यह सही निर्णय है। अभी 12 से 13 घंटे गाड़ी चलाने के बाद चालक कार या बस में सोते हैं। अब, उन्हें आराम से सोने के लिए जगह मिल जाएगी और अगर होटल संचालक न्यूनतम राशि लेंगे तो हम इसे देने के लिए भी तैयार हैं क्योंकि चालकों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है।’

तमिलनाडु इस तरह की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य है। मणिमारन को उम्मीद है कि यह सब जल्द ही ठीक हो जाएगा फिर उसे अब अपनी रातें गाड़ी में नहीं गुजारनी पड़ेगी।

First Published - July 5, 2023 | 11:39 PM IST

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