facebookmetapixel
UPITS-2025: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 का उद्घाटन, रूस बना पार्टनर कंट्रीGST कट के बाद ₹9,000 तक जा सकता है भाव, मोतीलाल ओसवाल ने इन दो शेयरों पर दी BUY रेटिंग₹21,000 करोड़ टेंडर से इस Railway Stock पर ब्रोकरेज बुलिशStock Market Opening: Sensex 300 अंक की तेजी के साथ 81,000 पार, Nifty 24,850 पर स्थिर; Infosys 3% चढ़ानेपाल में Gen-Z आंदोलन हुआ खत्म, सरकार ने सोशल मीडिया पर से हटाया बैनLIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकससुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर

Electoral Bond: बॉन्ड नंबर सहित सभी जानकारियों का खुलासा करे SBI; SC ने खारिज किया Assocham, CII की दलील

अदालत ने स्टेट बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को 21 मार्च शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल कर इसकी पु​​ष्टि करे कि बैंक ने चुनावी बॉन्ड के संबंध में सभी ब्योरों का खुलासा किया है।

Last Updated- March 18, 2024 | 11:02 PM IST
Mumbai has the largest share of electoral bonds sold since inception Electoral Bond: मुंबई में बिके सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड, फिर इन राज्यों से मिले राजनीतिक पार्टियों को सबसे ज्यादा दान

उच्चतम न्यायालय ने आज भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फटकार लगाते हुए उसे ‘चुनिंदा’ रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉन्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करने के लिए कहा।

अदालत ने प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विशिष्ट बॉन्ड संख्या का भी खुलासा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने चुनावी बॉन्ड विवरण के खुलासे के खिलाफ उद्योग निकायों एसोचैम और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की दलीलों पर विचार करने से इनकार कर दिया।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘एसबीआई को खुलासे को लेकर चुनिंदा नहीं होना चाहिए और उसे इस मामले में आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए। हमारा मानना है कि स्टेट बैंक अदालत के प्रति स्पष्ट और पारदर्शी रहेगा।’

अदालत ने स्टेट बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक को गुरुवार शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल कर इसकी पु​​ष्टि करे कि बैंक ने चुनावी बॉन्ड के संबंध में सभी ब्योरों का खुलासा किया है।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि स्टेट बैंक को बॉन्ड से संबं​धित सभी उपलब्ध जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करना होगा। इसमें वि​शिष्ट नंबर या क्रमांक यदि है तो उसका भी खुलासा करना होगा। भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए बैंक के चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे तक हलफनामा दायर कर बताना होगा कि उसने अपने पास उपलब्ध सभी जानकारियों का खुलासा कर दिया है और कुछ छुपाया नहीं है।’

शीर्ष अदालत ने 15 फरवरी के अपने आदेश में स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड की खरीद और उसे भुनाने की तारीख, खरीदार और प्राप्तकर्ता के नाम तथा चंदे की रा​शि सहित सभी विवरण का खुलासा करने का आदेश दिया था और इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंपने का आदेश दिया था।

अदालत ने निर्वाचन आयोग को​ निर्देश दिया था कि एसबीआई से ब्योरा मिलने के बाद वे सभी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘15 जनवरी के फैसले में हमने एसबीआई को सभी ब्योरे का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें बॉन्ड संख्या भी शामिल है। बैंक केवल चुनिंदा जानकारियों का खुलासा नहीं कर सकती है और इसे अदालत के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए।’

वहीं एसबीआई की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘अगर नंबर ही देना है तो हम देंगे। इसमें कोई समस्या नहीं है।’

इस बीच भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) चाहते हैं कि अक्षर और अंकों से बनी इलेक्टोरल बॉन्ड संख्या (अल्फान्यूमेरिक नंबर) जारी करने की बात टाल दी जाए।

फिक्की और एसोचैम का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी अदालत में बॉन्ड संख्या का खुलासा टालने के लिए दलील देना चाहते थे। हालांकि मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इस बाबत नकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के फैसले पर सोशल मीडिया पर की जा रही टिप्पणियों से जुड़ी चुनौती का जिक्र किया और उन्होंने आंकड़ों के गलत इस्तेमाल की चिंता जताते हुए भ्रामक खबरों की आशंका जताई। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत सोशल मीडिया की टिप्पणियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए तैयार थी।

First Published - March 18, 2024 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट