रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत चाहेगा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पाकिस्तान को दी जाने वाली 1 अरब डॉलर की सहायता राशि पर दोबारा विचार करे और भविष्य में इस तरह का कोई पैकेज देने से परहेज करे, क्योंकि उसे किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता ‘आतंकवाद को फंडिंग’ करने से कम नहीं है।
गुजरात में भुज एयर फोर्स स्टेशन पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई में शामिल रहे भारतीय वायु सेना के कर्मियों को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा, ‘निश्चित रूप से आईएमएफ की 1 अरब डॉलर की सहायता का बड़ा हिस्सा आतंकवादी ढांचों को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। क्या इसे आईएमएफ की ओर से अप्रत्यक्ष फंडिंग नहीं माना जाएगा?’
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘पाकिस्तान को कोई भी वित्तीय सहायता आतंकवाद को फंडिंग करने से कम नहीं है। आईएमएफ को भारत जो धन देता है, उसका उपयोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकवादी ढांचा बनाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’
बीते 9 मई को वाशिंगटन में हुई अपनी बोर्ड बैठक में आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए यह सहायता राशि मंजूरी की थी, जो उसके लिए 7 अरब डॉलर के फंडिंग कार्यक्रम का हिस्सा है। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया था। सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर में ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक मिसाइलों की प्रभावशीलता के बारे में कहा कि मिसाइलों ने पाकिस्तान को ‘रात के अंधेरे में दिन का उजाला’ दिखा दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को केवल रोका गया है। इस मामले में भारत ने पाकिस्तान को ‘प्रोबेशन’ पर रखा है। उसके व्यवहार पर नजर रखी जाएगी। सिंह ने कहा, ‘अगर उसके व्यवहार में सुधार होता है, तो ठीक है, लेकिन कोई गड़बड़ी होती है तो कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया केवल एक ‘ट्रेलर’ थी। भारत जरूरत पड़ने पर पूरी तस्वीर दिखाएगा।
उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद पर हमला करना और उसे खत्म करना नए भारत का नया सामान्य नियम है।’ सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ढांचों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह भारत द्वारा नष्ट किए गए आतंकवादी ढांचों को दोबारा खड़ा करने के लिए पाकिस्तान ने कोशिश शुरू कर दी है। वह अपने आम नागरिकों से एकत्र किए गए पैसे को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख व संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी मसूद अजहर को लगभग 14 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए खर्च करेगा।
दुनिया के समक्ष पाकिस्तान की काली करतूतों का चिट्ठा खोलने के लिए भारत ने विभिन्न देशों में अपने सांसदों के प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। सांसदों और पूर्व मंत्रियों वाले आधे दर्जन से अधिक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विश्व राजधानियों में जाएंगे और दुनिया के समक्ष पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने और प्रायोजित करने के बारे में भारत का पक्ष रखेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों में विपक्षी सांसद भी शामिल होंगे, जिनमें कांग्रेस के शशि थरूर और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं। भारतीय जनता पार्टी के अलावा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, वाम दलों और अन्य दलों के सांसद प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे, जो अगले सप्ताह के अंत तक 10 दिनों के लिए दुनिया भर में जाएंगे।