राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि राज्य सरकार उद्योग स्थापित करने एवं कारोबार संचालन सुगम बनाने के साथ लागत कम करने के लिए दो बुनियादी सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ रही है। राठौड़ ने कहा कि पिछले 20 महीनों के कार्यकाल में इन दो सिद्धांतों के बूते राजस्थान ने तेज गति से आर्थिक प्रगति की है और निवेश आकर्षित करने में देश के शीर्ष राज्यों की फेहरिस्त में शुमार हो गया है। राठौड़ ने जयपुर में आयोजित ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि’ कार्यक्रम में बिज़नेस स्टैंडर्ड के हिंदी और अंग्रेजी संस्करणों का शुभारंभ किया।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के ए के भट्टाचार्य के साथ चर्चा में राठौड़ ने भूमि बैंक तैयार करने से लेकर भविष्य में ओलिंपिक के लिए राजस्थान में नई खेल प्रतिभाएं तैयार करने के उनके प्रयासों समेत सहित कई विषयों पर बात की।
ऊंची आर्थिक वृद्धि
राजस्थान की उच्च आर्थिक वृद्धि दर और वहां निवेश के सकारात्मक माहौल पर राठौड़ ने कहा कि राज्य अगले साढ़े तीन वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में संसाधनों की कोई कमी नहीं है और वह अपनी कई खूबियों के दम पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के युवाओं के लिए कौशल केंद्र बन सकता है।
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राजस्थान में उद्यमिता की परंपरा
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान सदियों से एक व्यापारिक केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कामकाज संभालने के पहले साल ही राजस्थान में निवेश आमंत्रित करने के लिए दिसंबर 2024 में तीन दिवसीय ‘राइजिंग राजस्थान समिट’ का आयोजन किया। उन्होंने कहा, ‘यह सम्मेलन एक वैश्विक कार्यक्रम था और दुनिया के देश यह देखकर दंग रह गए कि राज्य में पर्यटन सहित लगभग एक दर्जन क्षेत्रों में निवेश के अवसर मौजूद हैं।‘
देश की आर्थिक तरक्की में राजस्थान की भूमिका
देश के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में राजस्थान की भूमिका पर राठौड़ ने कहा, ‘हमारे साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का मजबूत नेतृत्व है। केंद्र सरकार ने भारत के भीतर विकास का उम्दा माहौल तैयार किया है। देश में कोई भी निवेशक आएगा तो वह किसी न किसी राज्य में अपने पांव जमाएगा। मुख्यमंत्री भजन लाल के नेतृत्व में दो बहुत स्पष्ट नीतियां तैयार की गई हैं।
पहला, राजस्थान में व्यवसाय करने के लिए सहज माहौल तैयार करने को प्राथमिकता दी जा रही है। दूसरा, हम राजस्थान में कारोबार-व्यवसाय पर लागत कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने नौ नई नीतियां तैयार की हैं।‘ उन्होंने कहा कि राज्य में एक लॉजिस्टिक्स नीति, परिधान विनिर्माण नीति, संकुल विकास नीति, एक जिला एक उत्पाद नीति, डेटा सेंटर नीति मौजूद है और राज्य सरकार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) नीति भी ला रही है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों के लिए माहौल खुशनुमा रखना चाहती है। लागत कम करने से जुड़े राज्य सरकार के प्रयासों पर राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार व्यवसाय पर लागत कम करने के लिए भूमि का सीधा आवंटन भी कर रही है जबकि पूर्व में ऐसी व्यवस्था नहीं थी। पिछली राज्य सरकार ने भूमि नीलामी करने की नीति अपनाई थी। उन्होंने कहा कि भूमि की नीलामी से सरकार को अल्प अवधि में राजस्व तो हासिल हो जाता था मगर रोजगार के नए अवसर सृजित नहीं हो पाते थे। मगर अब ऐसी बात नहीं है।
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता में राजस्थान की भूमिका
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को लेकर प्रधानमंत्री के आह्वान में राजस्थान के योगदान पर राठौड़ ने कहा कि राज्य इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, राजस्थान में 56 खनिज पाए जाते हैं। कुछ खनिजों जैसे जस्ता आदि का राज्य सबसे बड़ा उत्पादक है। हमारे पास पर्याप्त भूमि है। हमारे औद्योगिक गलियारे और एक्सप्रेसवे तंत्र भी काफी मजबूत हैं।
राजस्थान के समक्ष चुनौतियां
राजस्थान के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर राठौड़ ने कहा कि दिसंबर 2023 में हमारी सरकार आने के साथ ही हमने चुनौतियों पर काबू करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य चुनौतियों से अधिक संभावनाओं पर ध्यान दे रहा है। उन्होंने कहा, राजस्थान संभावनाओं की खान है। यहां एक ‘डबल इंजन सरकार’ है और हमें भारत सरकार का पूरा समर्थन हासिल है। हां, हमें बेहतर जल प्रबंधन की आवश्यकता है जिसके लिए नए बांध और नहरें बनाई जा रही हैं। एक दृढ़ सरकार वह होती है कारोबार करने की राह आसान बनाने के उपाय करती है न कि वह जो पुराने ढर्रे पर चलती है।
राजस्थान की खेल संस्कृति
खेल मंत्री के रूप में राजस्थान की खेल संस्कृति और बुनियादी ढांचे के विकास पर राठौड़ ने कहा कि देश 2036 ओलिंपिक के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा,’एक एथलीट को तैयार करने में एक दशक लगता है। खेल का मैदान भी एक महान शिक्षक है। हमारी योजना 10 से 14 वर्ष की आयु वाले अच्छी शारीरिक शक्ति और कद-काठी के बच्चों को चुनना है। हम 2036 ओलिंपिक के लिए उन्हें तैयार करेंगे। हम इस दिशा में ठोस कमद उठाए तो भारत न केवल ओलिंपिक की मेजबानी करेगा बल्कि पदक भी जीतेगा।‘ राठौड़ ने कहा कि देश को युवा एथलीटों को बढ़ावा देने के साथ उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए।