धनतेरस के शुभ अवसर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान हाल ही में लागू हुए GST 2.0 के असर पर चर्चा की गई, खासकर त्योहारी सीजन में बढ़ी बिक्री और उपभोक्ताओं की खरीदारी में आए उछाल पर।
निर्मला सीतारमण ने बताया कि “जीएसटी 2.0 नवरात्रि के पहले दिन लागू हुआ और देशवासियों ने इसे पूरे उत्साह के साथ स्वीकार किया है।” उन्होंने कहा कि सरकार ने 54 आवश्यक वस्तुओं की निगरानी की है और इनमें टैक्स कटौती का सीधा लाभ ग्राहकों तक पहुंचा है।
GST 2.0 को सरकार ने ‘GST बचत उत्सव’ नाम दिया है। यह नया ढांचा टैक्स अनुपालन को आसान बनाते हुए आम लोगों की जेब में ज्यादा पैसा छोड़ रहा है। वित्त मंत्री के अनुसार, इस सुधार से उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था में करीब 2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त गति आएगी।
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3 सितंबर को हुई GST काउंसिल की बैठक में इस बड़े बदलाव को मंजूरी मिली थी और 22 सितंबर 2025 से इसे पूरे देश में लागू किया गया। नई व्यवस्था में टैक्स स्ट्रक्चर को सरल दो स्लैब में बदला गया है और कई उत्पादों पर GST घटाया गया है।
इसका सीधा असर बाजार में दिख रहा है – साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल जैसे रोजमर्रा के सामान से लेकर टू-व्हीलर और कार तक पहले से सस्ती हो गई हैं। नतीजा यह हुआ कि त्योहारी सीजन में ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और FMCG की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “इस नवरात्रि पीएम मोदी और वित्त मंत्री को धन्यवाद देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने डबल फायदा देकर हर घर में मां लक्ष्मी का आगमन सुनिश्चित किया है। GST आजादी के बाद का सबसे बड़ा सुधार है, जिसने निवेश और व्यापार को नई रफ्तार दी है।”
सरकार का दावा है कि GST 2.0 सिर्फ एक कर सुधार नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए वास्तविक बचत का उत्सव है – और यही है इस बार के “GST बचत उत्सव” का असली संदेश।