भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, भारत के सोने के भंडार ने पहली बार 100 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है। यह उपलब्धि ऐसे समय में हुई है जब इस साल RBI की सोने की खरीदारी काफी धीमी रही है, लेकिन वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी से भंडार का मूल्य स्वतः बढ़ गया।
10 अक्टूबर 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत के गोल्ड रिजर्व का मूल्य 3.595 अरब डॉलर बढ़कर 102.365 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह जानकारी RBI के विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserves) के ताज़ा डेटा में सामने आई है।
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दुनिया भर में सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड बना रही हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहली बार सोना 4,300 डॉलर प्रति औंस के पार चला गया है, जिससे RBI के पास मौजूद सोने का मूल्य तेजी से बढ़ा है।
सोने के भंडार में बढ़ोतरी के बावजूद देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 2.17 अरब डॉलर घटकर 697.78 अरब डॉलर पर आ गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (FCA), जो फॉरेक्स रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा होती हैं, 5.60 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 572.10 अरब डॉलर पर दर्ज हुईं।
स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) 130 मिलियन डॉलर घटे, जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत की आरक्षित स्थिति 36 मिलियन डॉलर कम हुई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, RBI ने जनवरी से सितंबर 2025 के बीच केवल 4 टन सोना खरीदा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 50 टन खरीदा गया था।
इसके बावजूद, सोने की कीमतों में उछाल के चलते सोने की हिस्सेदारी भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़कर 14.7% हो गई है, जो 1996-97 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।
RBI विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल रुपये को स्थिर रखने के लिए करता है। जब रुपया मजबूत होता है तो RBI डॉलर खरीदता है और जब रुपये पर दबाव आता है, तो RBI डॉलर बेचकर बाजार में स्थिरता लाता है।