प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हाल ही में कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों में दोबारा गर्माहट ला सकती है। इससे पहले जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार द्वारा दो साल पहले खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने के बाद कनाडा और भारत के बीच गहरा राजनयिक विवाद पैदा हो गया था।
अब दो वर्ष के बाद पुन: दोनों देशों ने व्यापार, निवेश और लोगों के बीच आपसी रिश्तों पर ध्यान केंद्रित कर अपने संबंधों को सही रास्ते पर लाने के लिए व्यापक रोडमैप तैयार किया है। निज्जर की हत्या के बाद विवाद गहराने के साथ कनाडा को भारत का माल निर्यात 2023-24 में साल-दर-साल 6.5 प्रतिशत घट गया। लेकिन वित्त वर्ष 25 में निर्यात में दोबारा बढ़ोतरी हुई है।
इस बीच, कनाडा से भारत का आयात वित्त वर्ष 24 में बढ़ा था, लेकिन वित्त वर्ष 25 में घट गया। दोनों देशों के बीच कुल व्यापार भारत के कुल माल व्यापार का 1 प्रतिशत से भी कम है। दोनों देशों के आपसी तालमेल और जरूरतों को देखते हुए व्यापार वृद्धि में व्यापक क्षमताएं मौजूद हैं। कनाडा में भारत के प्रत्यक्ष निवेश की कुल बुक वैल्यू 2022 से 2024 तक 25.62 प्रतिशत घट गई है। दूसरी ओर, कनाडा का भारत में निवेश इसी अवधि में 42 प्रतिशत गिरा है।
आव्रजन प्रणाली को ‘टिकाऊ’ बनाए रखने के लिए कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय छात्र अध्ययन परमिट पर सीमा लगा दी है। वर्ष 2024 में भारतीयों को जारी किए गए अध्ययन और कार्य परमिट दोनों में 2023 के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है।