अगले तीन वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में राजस्थान की यात्रा कारोबार में सुगमता और कारोबार करने की लागत को कम करने के दो सिद्धांतों पर आधारित होगी। यह बात राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धन राठौड़ ने आज कही।
राठौड़ ने इससे पहले राजस्थान की राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में दैनिक समाचार पत्र बिज़नेस स्टैंडर्ड के हिंदी और अंग्रेजी के जयपुर संस्करण का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि कारोबार को सुगम बनाने के लिए राज्य ने प्रमुख क्षेत्रों में नौ नीतियों की घोषणा की है। इनमें निर्यात संवर्धन, लॉजिस्टिक्स, परिधान, क्लस्टर विकास, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी), डेटा सेंटर पर नीतियां शामिल हैं और साथ ही आर्टिफिशल इंटेलिजेंस पर भी नीति तैयार की जा रही है। बिज़नेस स्टैंडर्ड का जयपुर संस्करण अंग्रेजी में 14वां और हिंदी का 7वां संस्करण है।
सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता सहित पांच विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे राठौड़ ने कहा कि कारोबार की लागत कम करने के सरकार के प्रयास के तहत पिछली सरकार की भूमि नीलामी नीति की जगह सीधे भूमि आवंटन की नीति अपनाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी भूमि के लिए मूल्य का निर्धारण एक समिति द्वारा पारदर्शी तरीके से किया जाता है जो अन्य कारकों के अलावा शहर से संबंधित जमीन की दूरी आदि पर निर्भर करता है।
राठौड़ ने कहा, ‘समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें, रीको की वेबसाइट पर जाएं, प्लॉट चुनें और हम आपको वह आवंटित कर देंगे। वेबसाइट पर सभी 419 रीको औद्योगिक पार्कों में उपलब्ध प्लॉटों का विवरण उपलब्ध है।’ उन्होंने हैदराबाद और बेंगलूरु की आईटी सिटी की तर्ज पर दिल्ली के समीप भूमि बैंक और एक आईटी सिटी बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के बारे में भी बताया।
राजस्थान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धन राठौड़ ने विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत का बाजार इसकी ताकत है जबकि पिछली सरकार इसे इसकी कमजोरी मानती थी। उन्होंने कहा, ‘ मैं भारत-ईएफटीए व्यापार समझौते की बात करना चाहूंगा, यह एक मुक्त व्यापार समझौता है जिस पर हमने यूरोपीय देशों के साथ हस्ताक्षर किए हैं। इसमें पहली बार यूरोपीय देशों के लिए बाध्यकारी प्रतिबद्धता है कि वे न केवल हमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करेंगे बल्कि 100 अरब डॉलर का निवेश भी करेंगे, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ था। इसी तरह संयुक्त अरब अमीरात के साथ हमारी ऊर्जा संधि और सिंगापुर के साथ व्यापार करार है। केंद्र सरकार ने भारत में विकास का माहौल तैयार किया है।’
राजस्थान में निवेश आकर्षित करने के बारे में राठौड़ ने कहा कि राइजिंग राजस्थान सम्मेलन में राज्य ने न केवल समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए बल्कि व्यवसायों को भी सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा, ‘हम सलाहकार नियुक्त कर रहे हैं ताकि सारी फाइलें उद्यमियों द्वारा नहीं बल्कि खुद राजस्थान सरकार द्वारा आगे बढ़ाई जाएं। यह वास्तव में डोर-टू-डोर सेवा जैसा है।’
मंत्री ने कहा कि राजस्थान प्रधानमंत्री के सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र का पूरी तरह से पालन कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम सुधारों को आगे बढ़ा रहे हैं, हमारी सरकार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और हम अगले साढ़े तीन साल में राजस्थान को 15 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था से 30 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था में बदलने जा रहे हैं।’
राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘स्वदेशी’ और ‘आत्मनिर्भरता’ के आह्वान में राजस्थान बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि राजस्थान में 56 से ज्यादा खनिज पाए जाते हैं और जस्ता जैसे कुछ खनिजों में राज्य सबसे बड़ा उत्पादक है। उन्होंने कहा, ‘ हमारे पास पर्याप्त जमीन है। हमारे औद्योगिक गलियारे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क अच्छे हैं।’ सही मायने में राजस्थान संभावनाओं की खान है।’ बिज़नेस स्टैंडर्ड के जयपुर संस्करण के विमोचन समारोह के बाद दो उच्च स्तरीय पैनल चर्चा आयोजित की गईं, जिनमें प्रमुख उद्योगपतियों, नौकरशाहों और नीति निर्माताओं ने शिरकत की।