प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान के माही बांसवाड़ा में 2,800 मेगावॉट की न्यूक्लियर एनर्जी परियोजना की आधारशिला रखने की उम्मीद है। इस परियोजना की संयुक्त रूप से स्थापना सरकारी कंपनी एनटीपीसी और परमाणु ऊर्जा निगम करेंगे। इसके जरिये बिजली बनाने वाले कंपनी परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में प्रवेश करेगी।
बांसवाड़ा परियोजना में चार प्रेशराइज्ड हेवी वॉटर रिएक्टर्स होंगे और हरेक की क्षमता 700 मेगावॉट होगी। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, ‘पहली इकाई की स्थापना 2031 में होगी और अन्य इकाइयों की स्थापना हर छह महीने के अंतराल पर होगी। संयंत्र के लिए सामग्री मुख्य रूप से घरेलू प्रतिस्पर्धा बोली के जरिये भारतीय ठेकेदारों से प्राप्त की जाएगी।’
आधारशिला कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मामले के सचिव एसके सारंगी, परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव एके मोहंती आदि के शामिल होने की संभावना है।
परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) के अध्यक्ष डी के शुक्ला और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के निदेशक विवेक भसीन के अलावा एनटीपीसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक गुरदीप सिंह और एनपीसीआईएल के अध्यक्ष भुवन चंद्र पाठक के समारोह में शामिल होने की संभावना है।
एनटीपीसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) गुरदीप सिंह ने उद्योग के कार्यक्रम में कहा कि कंपनी की 2047 तक 30 गीगावॉट की क्षमता जोड़ने के लिए तेजी से आगे बढ़ने की योजना है।
कंपनी एकल और एनपीसीआईएल के साथ संयुक्त उपक्रम में परियोजनाओं को स्थापित करेगी। अभी देश की परमाणु ऊर्जा सृजन करने की क्षमता 8,800 मेगावॉट है और देश की योजना 2047 तक 2,00,000 मेगावॉट (200 गीगावॉट) को जोड़ना है। सरकार ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बीते केंद्रीय बजट में करीब 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की घोषणा की थी। परमाणु बिजली को कम उत्सर्जन और ग्रिड के लिए बेसलोड स्रोत होने के कारण प्राथमिकता दी जाती है।