वायु प्रदूषण की अनसुलझी शिकायतों के मामले में दिल्ली का अग्रणी स्थान कायम रहा है। समीर ऐप से दिल्ली में 15 अक्टूबर, 2021 से 19 नवंबर, 2024 तक कुल 6,170 शिकायतें प्राप्त हुईं लेकिन इनमें से अभी भी 2,333 शिकायतें लंबित हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दर्ज शिकायतों में दिल्ली की हिस्सेदारी 38 फीसदी है। लिहाजा वायु प्रदूषण की शिकायतों को हल करने में दिल्ली का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है।
राजस्थान में 77 लंबित शिकायतें हैं और यह लंबित मामलों के प्रतिशत के मामले में (66 फीसदी) दिल्ली से आगे है। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) के आंकड़ों में भिवाड़ी और अलवर की शिकायतें भी शामिल हैं। अलवर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव का संसदीय क्षेत्र है।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की शिकायतों का समाधान करने के मामले से सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में दिल्ली जल बोर्ड और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) थे। दिल्ली जल बोर्ड को 188 शिकायतें मिली थीं और वह इसमें से 64 फीसदी का समाधान करने में विफल था। इसी तरह, एमसीडी को 4,353 शिकायतें मिली थीं और 47 फीसदी शिकायतें हल नहीं हुई थीं। यह शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के शिकायत तंत्र में महत्त्वपूर्ण खामियों को उजागर करता है।
दिल्ली में 24 नवंबर को वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में थी और इस दिन सीपीसीबी का एक्यूआई 318 था। भारतीय उष्ण कटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार बीते 24 घंटों में अधिकतम तापमान में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ और न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है।
मंगलवार और बुधवार को वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रहने का अनुमान है। यह गुरुवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच जाने का अनुमान है। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दिल्ली-एनसीआर में विशेष तौर पर कक्षा 10 से 12 कक्षा की कक्षाएं स्कूल में लगाना बंद करने के फैसले का पुन: आकलन करने का निर्देश दिया।