Narendra Modi Sri Lanka visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 से 6 अप्रैल तक श्रीलंका की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। इसके तहत, प्रधानमंत्री द्वीपीय देश के उत्तरी हिस्से में मौजूद अनुराधापुरा जाएंगे जहां वह भारत की वित्तीय सहायता से लागू की जा रही विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। मोदी, आखिरी बार 2019 में श्रीलंका के दौरे पर गए थे।
पिछले साल, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने दिसंबर में भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा की थी और उनके पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी। इसी तरह दिसानायके की मेजबानी में जाने वाले पहले विदेशी नेता मोदी होंगे।
वित्त वर्ष 2024 (23-24 ) और वित्त वर्ष 2025 (जनवरी तक) के बीच भारत द्वारा श्रीलंका की सहायता में 112 फीसदी की वृद्धि हुई है लेकिन बांग्लादेश के लिए सहयोग देने में काफी कमी आई है जहां हिंसक विरोध प्रदर्शनों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देने और पिछले अगस्त में भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
म्यांमार में भूकंप के चलते हुई बरबादी को देखते हुए भारत ने अपने पूर्वी पड़ोसी को सहायता भेजी है। भारत की आपदा राहत सहायता में हाल के वर्षों में काफी वृद्धि हुई है जो वित्त वर्ष 2023 में लगभग 1.60 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में लगभग 41.18 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2025 (जनवरी 2025 तक) में लगभग 27.88 करोड़ रुपये हो गई है।
विकास से जुड़ी सहायता के अलावा, भारत ने जनवरी 2022 और जनवरी 2025 के बीच छह भागीदार देशों को लाइंस ऑफ क्रेडिट (एलओसी) और रियायती फंडिंग योजना (सीएफएस) के तहत नए ऋण की पेशकश की है। इस अवधि के दौरान इन भागीदार देशों को एलओसी और सीएफएस के तहत दिए गए ऋणों की कुल राशि 3.73 अरब डॉलर से अधिक है।
इसमें पहले के एलओसी के तहत चल रही परियोजनाओं के लिए किया जाने वाला वितरण शामिल नहीं है। छह भागीदार देशों में बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और म्यांमार शामिल हैं।
कई वर्षों से, पड़ोसी देशों को प्राथमिकता देने वाली नीति के तहत 32 अरब डॉलर के कुल एलओसी में से भारत ने बांग्लादेश को 7.8 अरब डॉलर, नेपाल को 1.65 अरब डॉलर, श्रीलंका को 2 अरब डॉलर से अधिक, म्यांमार को 74.5 करोड़ डॉलर और मालदीव को 1.43 अरब डॉलर के एलओसी दिए हैं।
पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सप्ताह निर्धारित श्रीलंका यात्रा का स्वागत किया। मोदी 6 अप्रैल को दो दिनों के लिए श्रीलंका की यात्रा करेंगे। यूएनपी ने एक बयान में कहा, ‘ यह यात्रा हमारे दो महान राष्ट्रों के बीच शाश्वत संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है।’
यूएनपी ने कहा कि यह यात्रा जुलाई 2023 में अपनाए गए ‘भारत-श्रीलंका आर्थिक साझेदारी विजन’ को मजबूत करने का अवसर प्रस्तुत करती है। यूएनपी ने याद दिलाया कि श्रीलंका के आर्थिक संकट के दौरान भारत द्वारा दी गई चार अरब अमेरिकी डॉलर की सहायता ‘हमारी मित्रता की गहराई का प्रमाण’ थी।
विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने कहा कि श्रीलंका के पूर्वोत्तर मन्नार और भारत के दक्षिणी क्षेत्र के बीच समुद्र के नीचे केबल के माध्यम से विद्युत ग्रिड एकीकरण पर समझौता ज्ञापन यात्रा के दौरान किए जाने वाले द्विपक्षीय समझौतों में से एक होगा। यह 2015 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी की चौथी श्रीलंका यात्रा होगी। उन्होंने आखिरी बार जून 2019 में श्रीलंका का दौरा किया था। यूएनपी नेता रानिल विक्रमसिंघे मोदी के पिछले दौरों के दौरान श्रीलंका के प्रधानमंत्री थे। भाषा