Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से मुलाकात की और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। खासतौर पर, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और उभरते खतरों से निपटने के लिए खुफिया सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया।
मोदी ने हिंदू-अमेरिकी तुलसी गबार्ड को अमेरिका की टॉप इंटेलिजेंस अधिकारी बनने पर भी बधाई दी। उन्हें बुधवार को इस पद पर पुष्टि मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) तुलसी गबार्ड से वाशिंगटन डीसी में मुलाकात की। उन्होंने तुलसी गबार्ड को उनके पद पर नियुक्ति के लिए बधाई दी और भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर चर्चा की। मोदी ने कहा कि तुलसी गबार्ड हमेशा से भारत-अमेरिका मित्रता की मजबूत समर्थक रही हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में आतंकवाद-रोधी खुफिया सहयोग, साइबर सुरक्षा और नई चुनौतियों से निपटने के मुद्दों पर चर्चा हुई।
जायसवाल ने बताया कि इस बैठक में आतंकवाद विरोधी अभियानों, साइबर सुरक्षा और नए उभरते खतरों से निपटने के लिए खुफिया सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
मोदी बुधवार शाम 5:30 बजे (भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह 4 बजे) अमेरिका पहुंचे। इससे पहले, उन्होंने फ्रांस का दौरा किया था, जहां उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुरुवार को व्हाइट हाउस में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। मोदी ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “हमारी दोनों राष्ट्र जनता के हित और दुनिया के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करते रहेंगे।”
Met USA’s Director of National Intelligence, @TulsiGabbard in Washington DC. Congratulated her on her confirmation. Discussed various aspects of the India-USA friendship, of which she’s always been a strong votary. pic.twitter.com/w2bhsh8CKF
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2025
इसी बीच, तुलसी गबार्ड ने बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में शपथ ली। उन्हें सीनेट की मंजूरी के कुछ घंटे बाद ही यह पद सौंपा गया। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने उन्हें शपथ दिलाई।
ट्रंप ने गबार्ड को “अमेरिका की असाधारण बहादुरी और देशभक्ति वाली महिला” बताया। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि गबार्ड अमेरिकी सेना की नेशनल गार्ड में तीन बार तैनात हो चुकी हैं और वह पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन भी रही हैं। ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में कहा, “क्या आप इस पर यकीन कर सकते हैं?”
अमेरिका की नई इंटेलिजेंस चीफ ने कहा कि देश की खुफिया एजेंसियों पर लोगों का बहुत कम भरोसा रह गया है। उन्होंने कहा, “लोगों ने खुफिया एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल होते देखा है, जबकि इनका काम सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान देना होना चाहिए।”
सीनेट ने उन्हें 52-48 वोटों से मंजूरी दी। इस फैसले से पहले दो महीने तक इस पर बहस हुई कि क्या तुलसी गबार्ड खुफिया एजेंसियों की जिम्मेदारी संभालने और डोनाल्ड ट्रंप को डेली इंटेलिजेंस ब्रीफ देने के लिए योग्य हैं या नहीं।