कांग्रेस ने अदाणी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले को लेकर सोमवार को देशभर में प्रदर्शन किया और संसद के दोनों सदनों में भी हंगामा किया जिस वजह से कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। मुख्य विपक्षी दल ने इस मामले पर संसद में चर्चा की मांग को दोहराया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस पूरे प्रकरण पर जवाब देना चाहिए।
दूसरी तरफ, कांग्रेस समेत 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष प्रदर्शन किया तथा संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में मामले की जांच कराए जाने की मांग की।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सोमवार को इस विषय को लेकर प्रधानमंत्री पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि भाजपा चर्चा नहीं होने दे रही है क्योंकि वह डरी हुई है। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘मोदी जी पूरी कोशिश करेंगे कि संसद में अदाणी जी पर चर्चा नहीं हो। इसका कारण आप जानते हैं? पूरी कोशिश होगी कि चर्चा नहीं हो।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं पिछले दो तीन साल से यह मुद्दा उठा रहा हूं। मैं चाहता हूं कि चर्चा हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। लाखों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है, और हिंदुस्तान के बुनियादी ढांचे पर कब्जा किया गया है। अदाणी जी के पीछे कौन सी शक्ति है वो भी देश को पता
लगना चाहिए।’
अदाणी समूह से जुड़े मामले को लेकर कांग्रेस ने सभी जिलों में भारतीय जीवन बीमा निगम और भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया तथा आम लोगों की बचत की सुरक्षा की मांग की। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अदाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट को एक कंपनी तक केंद्रित मामला बताते हुए कहा गत रविवार को कहा था कि शेयर बाजार को स्थिर रखने के लिए सेबी और रिजर्व बैंक जैसे नियामकों को हमेशा चौकस रहना चाहिए।
संसद परिसर में प्रदर्शन से पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में बैठक कर विपक्षी नेताओं ने साझा रणनीति पर चर्चा की। बैठक के बाद विपक्षी सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति, आम आदमी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), द्रमुक, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल हुए। तृणमूल कांग्रेस के सदस्य विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हुए, लेकिन पार्टी सांसद महुआ मोइत्रा प्रदर्शन में शामिल हुईं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘लाखों करोड़ रुपये डूब गए। क्या यह विषय सदन में चर्चा के लायक नहीं है? राज्यसभा में नियम 267 का प्रावधान क्यों किया गया है? क्या यह विषय नियम 267 के तहत नहीं आता? संप्रग सरकार में भारतीय जनता पार्टी को अनेक विषयों पर चर्चा की अनुमति दी गई थी।’ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों-प्रमोद तिवारी, सैयद नासिर हुसैन और अमी याग्निक ने अदाणी समूह से जुड़े प्रकरण की पृष्ठभूमि में सदन में नियम 267 के तहत प्रश्नकाल और दूसरे विधायी कार्यों को स्थगित कर चर्चा कराए जाने की मांग की थी।
इस विषय पर गत सप्ताह दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने और चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामा किया था जिस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी। संसद का बजट सत्र गत मंगलवार, 31 जनवरी से शुरू हुआ है। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी तक होगा। 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्रवाई नहीं होगी और इस दौरान विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों की समीक्षा करेंगी और अपने मंत्रालयों तथा विभागों से संबंधित रिपोर्ट तैयार करेंगी। बजट सत्र का दूसरा भाग 13 मार्च से शुरू होकर छह अप्रैल तक चलेगा।