केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में देशभर में राजमार्गों को मजबूत करने के लिए ₹10 लाख करोड़ (₹10 ट्रिलियन) का निवेश करने की योजना बना रही है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां सड़कें अमेरिका की सड़कों की बराबरी करेंगी। यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में दी।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार देश के बुनियादी ढांचे को अगले दो वर्षों में पूरी तरह बदलने के लिए काम कर रही है ताकि यह विश्वस्तरीय मानकों पर खरा उतर सके। “हम अगले दो वर्षों में देशभर में राजमार्गों को मजबूत करने के लिए ₹10 लाख करोड़ की परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें पूर्वोत्तर और सीमावर्ती क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा। आने वाले दो वर्षों में पूर्वोत्तर की सड़कें अमेरिका की सड़कों के समकक्ष होंगी,” गडकरी ने कहा।
गडकरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का भूगोल जटिल है और वह सीमाओं के पास स्थित है, इसलिए वहां सड़क ढांचे को बेहतर बनाने की तत्काल जरूरत है। “हमारा लक्ष्य है कि देश के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह बदल दिया जाए ताकि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ स्तर का हो सके,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली सहित सभी राज्यों में काम चल रहा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने बताया कि पूर्वी राज्यों में ₹3,73,484 करोड़ की लागत से 21,355 किलोमीटर की लंबाई वाली 784 राजमार्ग परियोजनाएं लागू की जाएंगी। इन परियोजनाओं में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) की योजनाएं शामिल हैं।
“हम फिलहाल असम में ₹57,696 करोड़, बिहार में ₹90,000 करोड़, पश्चिम बंगाल में ₹42,000 करोड़ से अधिक, झारखंड में ₹53,000 करोड़ और ओडिशा में करीब ₹58,000 करोड़ की परियोजनाएं चला रहे हैं,” गडकरी ने बताया। “पूर्वोत्तर में, असम को छोड़कर, हम इस वर्ष ही लगभग ₹1 लाख करोड़ की परियोजनाएं कर रहे हैं,” ।
नागपुर में चलेगी 135 सीटों वाली बस
गडकरी ने बताया कि नागपुर में ₹170 करोड़ की लागत से एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है। “इस परियोजना में एक 135 सीटों वाली बस शामिल है, जो गैर-प्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोतों पर चलेगी और अत्यंत किफायती मानी जा रही है। अगर यह सफल होती है, तो इसे देशभर के प्रमुख मार्गों पर दोहराया जाएगा, जिसमें दिल्ली-जयपुर मार्ग भी शामिल है, और इसे बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) मॉडल के तहत लागू किया जाएगा,” उन्होंने कहा।
मोदी सरकार में NH 91,287 किमी से 1,46,204 किमी हुए
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क की लंबाई में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो मार्च 2014 में 91,287 किलोमीटर थी और अब 1,46,204 किलोमीटर हो गई है, साथ ही मानकों में भी काफी सुधार हुआ है। दो लेन से कम चौड़ाई वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का अनुपात भी घटकर 30 प्रतिशत से सिर्फ 9 प्रतिशत रह गया है। 2024–25 में NHAI ने 5,614 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया, जो उसके 5,150 किलोमीटर के लक्ष्य से अधिक है।
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