हाल ही में संपन्न लोक सभा चुनावों में कमजोर प्रदर्शन करने वाले बीजू जनता दल जैसे क्षेत्रीय दल अब अपनी रणनीति बदल रहे हैं। वे केंद्र सरकार के खिलाफ विशेषकर अपने राज्यों से संबंधित मुद्दों पर अधिक मुखर होकर आवाज बुलंद करेंगे। ऐसे क्षेत्रीय दल जो न तो भाजपा नीत राजग गठबंधन का हिस्सा हैं और न कांग्रेस नीत ‘इंडिया’ गठबंधन का, वे राज्य सभा में अलग समूह के रूप में उभरेंगे।
राज्य सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को उम्मीद है कि वह बीजद और वाईएसआर कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दलों को सदन में समन्वय बनाने के लिए एकजुट कर लेगी। उसे यह भी भरोसा है कि वह इंडिया गठबंधन और इससे बाहर के क्षेत्रीय दलों के बीच पुल का काम कर सकती है।
तृणमूल कांग्रेस कहीं भी कांग्रेस की चुनावी सहयोगी पार्टी नहीं है। बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने सोमवार को अपने सभी नौ राज्य सभा सांसदों से कहा कि वे उच्च सदन में मजबूत विपक्षी आवाज बनें। 17वीं लोक सभा में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को समर्थन देने वाली बीजद को हालिया संपन्न आम चुनावों में एक भी सीट नहीं मिली है। बैठक में पटनायक ने सांसदों को यह भी हिदायत दी कि वे राज्य के हितों से संबंधित मुद्दों को पूरी शिद्दत के साथ उठाएं।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य सभा में पार्टी के नेता सस्मित पात्र ने कहा कि पटनायक ने बीजद सांसदों से संसद में राज्य के लोगों के अधिकारों के लिए पुरजोर तरीके से आवाज उठाने को कहा है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या पिछले कार्यकाल की तरह उनकी पार्टी केंद्र सरकार को मुद्दों पर आधारित समर्थन देना जारी रखेगी, तो पात्र ने कहा, ‘भाजपा को इस बार कोई समर्थन नहीं दिया जाएगा, वे केवल विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। ओडिशा के हितों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।’
मौजूदा हालात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य सभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘राज्य सभा में खेला होबे।’ राज्य सभा में भाजपा के 90, कांग्रेस के 26, तृणमूल कांग्रेस के 13 और वाईएसआर कांग्रेस के 11 सदस्य हैं। द्रमुक और आम आदमी पार्टी (आप) के 10-10 तथा बीजद के 9 सांसद हैं। इनके अलावा, तेलंगाना भारत राष्ट्र समिति के 5, बसपा के 1 एवं अन्नाद्रमुक के पास 4 सांसद हैं। इनमें बीआरएस, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस और बीजद ऐसे क्षेत्रीय दल हैं, जो राजग या इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं।
तृणमूल कांग्रेस के तीन सांसद सोमवार को आप नेता आतिशी के धरना स्थल पर उनसे मिलने और अपना समर्थन देने पहुंचे। आप ने यह लोक सभा चुनाव इंडिया गठबंधन के सहयोगी के तौर लड़ा था, लेकिन कांग्रेस ने हरियाणा विधान सभा चुनाव में आप के साथ गठजोड़ करने से इनकार कर दिया है। ओडिशा में बीजद और तेलंगाना में बीआरएस एक भी लोक सभा सीट नहीं जीत पाईं। वाईएसआर कांग्रेस को भी पिछले चुनाव के मुकाबले चार सीट कम मिली हैं। ये ऐसे दल हैं जो विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को समर्थन देते आए हैं।