रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) अभी 55 परियोजनाओं पर ‘मिशन मोड’ में काम कर रहा है और इनमें से करीब आधी परियोजनाओं में देर हो गई है।
सरकार ने कहा है कि इस देरी से निपटने के लिए उसने विकास प्रक्रिया एवं समीक्षाओं के दौरान परियोजना समीक्षा बढ़ाने, उत्पादन साझेदारों की भागीदारी बढ़ाने तथा वित्तीय शक्तियां प्रदान करने पर पुनर्विचार करने जैसे कदम उठाये हैं।
ऐसी परियोजनाएं, जिनमें देर हुई हैं उनमें ‘एयर ड्रोप्पेबल कंटेनर’, ‘सिमुलेटर’, ‘टैक्टिकल रेडियो’, हल्की मशीन गन, ‘एयर इंडीपेंडेंट प्रोपल्शन सिस्टम’, हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) एमके-2 (तेजस), टोरपिडो, एलसीए का नौसेना प्रारूप, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, लड़ाकू विमानों के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, अत्याधुनिक सैन्य आर्टिलरी गन सिस्टम और मानव रहित विमान शामिल हैं।
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रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सोमवार को बताया, ‘आज की तारीख में, DRDO 55 परियोजनाओं पर मिशन मोड में काम कर रहा है, जिनमें से 23 परियोजनाओं में देर हो गई है।’ उन्होंने बताया कि 55 परियोजनाओं में 12 पर आने वाली लागत बढ़ा दी गई है।