बच्चों के अधिकारों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीति निर्माताओं को समय पर और विश्वसनीय आंकड़े प्रदान करने के उद्देश्य से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय एक राष्ट्रीय बाल सर्वेक्षण करने की योजना बना रहा है। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का भी सहयोग लिया जाएगा। मिशन वात्सल्य के तहत इस सर्वेक्षण में देखभाल और सुरक्षा तथा कानूनी सहायता चाहने वाले बच्चों की जरूरतों को दर्ज किया जाएगा। इसके बाद तयशुदा अवधि में किए जाने वाले सर्वेक्षण का उपयोग बाल सूचकांक तैयार करने के लिए किया जाएगा।
सांख्यिकी मंत्रालय ने बाल सूचकांक विकसित करने के सुझावों के जवाब में संसदीय पैनल को बताया, ‘सांख्यिकी मंत्रालय ने आवधिक सर्वेक्षण के माध्यम से मिशन वात्सल्य योजना के तहत आने वाले बच्चों की जरूरतों का पता लगाने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर राष्ट्रीय बाल सर्वेक्षण करने के लिए चर्चा शुरू की है। बाल सर्वेक्षण का मुख्य ध्यान मिशन वात्सल्य के तहत बाल सूचकांक तैयार करना है।’
लोकसभा सदस्य भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति ने गुरुवार को संसद में इस संबंध में रिपोर्ट पेश की है। समिति ने अपनी पिछली रिपोर्टों में मंत्रालय पर अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले, स्कूल जाने से वंचित अथवा सड़कों पर रहने वाले बच्चों के संबंध में आंकड़े एकत्र करने के लिए एक प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया है।
संसदीय समिति ने कहा, ‘समिति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ तालमेल बिठाकर नियमित बाल सर्वेक्षण करने और राष्ट्रीय बाल सूचकांक विकसित करने की सिफारिश करती है। समिति मंत्रालय को सर्वेक्षण करने के लिए डेटा संग्रह को सुविधाजनक बनाने में मदद करने के लिए पंचायतों/नगर निकायों को शामिल करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समझौता करने का भी सुझाव देती है।’
वर्तमान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सर्वेक्षण में विचार किए जाने वाले संकेतकों और सर्वेक्षण में उपयोग किए जाने वाले ढांचे की जरूरतों का पता लगा रहा है। इसके बाद तकनीकी समूहों/संचालन समिति की सिफारिश के अनुसार सर्वेक्षण करने की व्यवहार्यता का पता लगाया जाएगा। इसके अलावा, संसदीय पैनल ने यह भी कहा कि कोविड महामारी के कारण मुख्य रूप से डेटा सटीकता संबंधी चिंताओं के कारण आंकड़ा मंत्रालय द्वारा 7वीं आर्थिक जनगणना के परिणाम प्रकाशित नहीं किए गए हैं।
आर्थिक जनगणना के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में मंत्रालय ने संसदीय पैनल को बताया, ‘13 जुलाई, 2023 को कैबिनेट सचिव द्वारा ली गई बैठक में यह सिफारिश की गई थी कि ‘7वीं आर्थिक जनगणना के परिणामों को प्रकाशित करना संभव नहीं है।’ 8वीं आर्थिक जनगणना को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय बनाकर लागू किया जा रहा है, क्योंकि वे ही फील्ड वर्क, प्रशिक्षण और परिणामों को अंतिम रूप देने जैसे काम करते हैं।’