सोहम पारेख एक भारतीय टेक इंजीनियर हैं, जिनपर अमेरिका की कम से कम पांच स्टार्टअप कंपनियों के सीईओ ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक साथ कई जगह नौकरी की और कंपनियों को धोखे में रखा। अब खुद पारेख ने एक इंटरव्यू में इन आरोपों को सच माना है और कहा है कि वह अपने इस कदम पर शर्मिंदा हैं।
TBPN यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में पारेख ने माना कि उन्होंने कंपनियों को बिना बताए कई जगह काम किया और ये कदम उन्होंने पैसों की तंगी में उठाया। पारेख ने कहा, “कोई भी इंसान हफ्ते में 140 घंटे काम करना पसंद नहीं करता, लेकिन उस वक्त मैं बहुत मुश्किल हालात में था। मैंने वो किया जो मुझे ज़रूरी लगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई ऐसा अनुभव नहीं था जिसका वह आनंद ले रहे थे, और उन्हें खुद पर गर्व नहीं है।
सोहम पारेख मुंबई के रहने वाले हैं। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर 2022 में अमेरिका के जॉर्जिया टेक से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने अमेरिका में कई टेक स्टार्टअप्स में काम किया।
सबसे पहले मिक्सपैनल (Mixpanel) के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ सुहैल दोषी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि पारेख उनके स्टार्टअप ‘Playground AI’ में काम कर रहे थे, लेकिन वे एक साथ कई कंपनियों में भी नौकरी कर रहे थे। दोषी के अनुसार, उन्होंने पहले ही पारेख को ‘मूनलाइटिंग’ यानी एक साथ दूसरी जगह नौकरी करने से मना किया था, फिर भी उन्होंने नियम तोड़ा, इसलिए उन्हें निकाल दिया गया।
NBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य स्टार्टअप ‘Create’ के फाउंडर मार्कस लोवे ने भी यही अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि पारेख ने इंटरव्यू में तो शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन पहले ही दिन से दिक्कतें शुरू हो गई थीं।
सोशल मीडिया पर पारेख ने लिखा, “मुझसे जुड़ी कई बातें कही जा रही हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग पूरी सच्चाई नहीं जानते। मैं सिर्फ कोडिंग करना पसंद करता हूं, और यही मेरी पहचान है। मैं अकेला पड़ गया हूं, लोगों ने मुझे नजरअंदाज कर दिया, लेकिन मैं अब भी कुछ बनाने में विश्वास रखता हूं।”
सोहम पारेख ने कहा है कि उन्होंने अब एक कंपनी के साथ काम करने का करार किया है और भविष्य में एक ही जगह नौकरी करेंगे। उन्होंने ये भी साफ किया कि उन्होंने न तो किसी टीम की मदद ली और न ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल किया। यह सब उन्होंने खुद ही किया, सिर्फ अपनी आर्थिक परेशानियों से निकलने के लिए।