महाराष्ट्र

मायानगरी की बदलेगी काया पलटेगी तकदीर और तस्वीर; अगले 9 महीनों में मेट्रो, हवाई अड्डा और हाईवे की कई प्रोजेक्ट होंगे लॉन्च

अगले 9 महीनों में मुंबई में 3 अंडरग्राउंड मेट्रो शुरू हो जाएंगी, जिससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और जाम कम हो जाएगा। इसके बाद लोकल ट्रेन में भी भीड़ घटेगी।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- September 29, 2024 | 11:22 PM IST

मायानगरी और देश की आर्थिक राजधानी कहलाने वाली मुंबई की तस्वीर बदलने वाली है। अगले 9 महीने में यहां कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन होना है, जो मुंबई महानगर क्षेत्र का चेहरा और चाल दोनों बदल डालेंगी। ये परियोजनाएं पूरी होंगी तो शहरवासियों को जाम समेत कई समस्याओं से निजात मिल जाएगी। अगले छह साल में प्रस्तावित सरकारी और प्रशासनिक योजनाएं ठीक से परवान चढ़ गईं तो 2030 में मुंबई महानगर क्षेत्र पहचाना भी नहीं जा सकेगा।

मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में मुंबई शहर और उपनगरीय इलाकों के साथ ठाणे, रायगड तथा पालघर जिलों के कुछ हिस्से शामिल हें। करीब 6,328 किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में 9 महानगरपालिका, 9 नगर परिषद, 1 नगर पंचायत, 44 कस्बे और 1,425 गांव शामिल हैं। इस क्षेत्र में लाखों करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें कुछ इस साल और कुछ अगले साल पूरी होने वाली हैं। अनुमान है कि 2030 तक सभी परियोजना पूरी हो जाएंगी।

अगले 9 महीनों में मुंबई में 3 अंडरग्राउंड मेट्रो शुरू हो जाएंगी, जिससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और जाम कम हो जाएगा। इसके बाद लोकल ट्रेन में भी भीड़ घटेगी। उधर नवी मुंबई हवाई अड्डे का पहला टर्मिनल भी बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे मुंबई हवाई अड्डे की भीड़ कुछ कम होगी। मुंबई-पुणे लिंक एक्सप्रेसवे का काम पूरा होने से दोनों शहरों के बीच दूरी कम होगी और यात्रा का समय घटेगा।

इसी साल सितंबर में क्रीक ब्रिज परियोजना में लेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी और यह पुल 12 लेन का हो जाएगा, जो सायन-पनवेल राजमार्ग के बराबर है। अक्टूबर में समृद्धि महामार्ग, मेट्रो -3 का पहला चरण और एससीएलआर परियोजना का काम पूरा होने की संभावना है तथा दिसंबर में तटीय सड़क तैयार हो जाएगी। अगले साल फरवरी में नया वाशी क्रीक ब्रिज और मार्च नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार होने की संभावना है। मेट्रो -3 के दूसरे चरण और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की लिंक रोड का काम जून में पूरा होने वाला है।

मुंबई रेल विकास निगम मध्य और पश्चिम रेलवे की कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। इनमें मुंबई सेंट्रल – बोरीवली (छठी लाइन), छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-कुर्ला (पांचवीं और छठी लाइन), पनवेल-कर्जत के बीच नया उपनगरीय गलियारा, ऐरोली-कलवा (एलिवेटेड) के बीच नया उपनगरीय गलियारा लिंक, विरार-दहानू रोड का चौगुनाकरण, कल्याण-बदलापुर (तीसरी और चौथी लाइन), बोरीवली-विरार (पांचवीं और छठी लाइन), कल्याण-आसनगांव (चौथी लाइन) तथा गोरेगांव-बोरीवली के बीच हार्बर लाइन का विस्तार शामिल है।

मुंबई तटीय सड़क परियोजना के अधीन शिवरी-वर्ली एलिवेटेड कनेक्टर परियोजना, वर्सोवा-विरार सी लिंक परियोजना, ठाणे शहर में टिकुजिनिवाड़ी से संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान, बोरीवली तक 6 लेन सुरंग का निर्माण, पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्ग पर घाटकोपर (पूर्व) के छेड़ा नगर जंक्शन का यातायात सुधार, कलानगर जंक्शन, बांद्रा (पूर्व) में फ्लाईओवर का निर्माण प्रमुख हैं।

एमएमआरडीए ने मुंबई को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 58,000 करोड़ रुपये की एक महत्त्वाकांक्षी रिंग रोड परियोजना को मंजूरी दी है । इसके तहत शहर के चारों ओर 90 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों, पुलों और सुरंगों का रिंग बनाया जाएगा, जिससे यातायात का दबाव कम होगा। इसमें शहर को हर तरफ से घेरने और उपनगरीय इलाकों को बिना रुकावट कनेक्टिविटी देने के साथ उत्तर में गुजरात सीमा, दक्षिण में कोंकण और पश्चिमी महाराष्ट्र तक आसानी से पहुंचने की सुविधा देने का इंतजाम है। इस काम में बृहन्मुंबई महानगर पालिका, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भी मदद करेंगे।

ज्यादातर नई सड़कों पर टोल वसूला जाएगा। एमएमआरडीए आयुक्त डॉ. संजय मुखर्जी ने कहा कि ‘मुंबई इन मिनट्स’ तभी सार्थक है, जब शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक यात्रा करने में 59 मिनट से ज्यादा नहीं लगेंगे। हाल ही में नीति आयोग ने मुंबई और महानगरीय क्षेत्री का जीडीपी 2030 तक दोगुना यानी 26 लाख करोड़ रुपये (300 अरब डॉलर) तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

इसके लिए आयोग ने मुंबई के आर्थिक विकास का मास्टर प्लान (व्यापक योजना) तैयार किया है। इसमें मुंबई महानगर के साथ-साथ पालघर, रायगड , ठाणे जिलों सहित समूचे क्षेत्र के विकास पर जोर है। इस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद अभी करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये (140 अरब डॉलर) है।

मुंबई में वैश्विक सेवा केंद्र बनाना, किफायती आवास को बढ़ावा देना, मुंबई महानगरीय क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन केंद्र बनाना, एमएमआर में बंदरगाहों का एकीकृत विकास और लॉजिस्टिक्स केंद्र बनाना, सुनियोजित शहरों का विकास, समावेश और स्थिरता के साथ-साथ नागरिक बुनियादी ढांचे जैसे सात पहलुओं पर एमएमआर क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखकर विश्व स्तरीय आर्थिक विकास को गति दी जाएगी।

फिलहाल मुंबई में करीब 1 करोड़ नौकरियां हैं और नीति आयोग ने करीब 30 लाख और नौकरियां सृजित करने की कोशिशों का जिक्र किया है। इसके लिए निजी क्षेत्र में 10 से 11 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रयास किया जाएगा।

First Published : September 29, 2024 | 11:22 PM IST