अर्थव्यवस्था

RBI रिपोर्ट: अर्थव्यवस्था ने दिखाई मजबूती, दूसरी छमाही में अच्छी वृद्धि के संकेत

रीपो रेट में 100 आधार अंक की कटौती, परिवारों के लिए आयकर में राहत और रोजगार बढ़ाने के उपायों से उच्च निवेश और विकास के अच्छे चक्र की शुरुआत होने की संभावना

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मनोजित साहा   
Last Updated- September 24, 2025 | 10:42 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की आज जारी अर्थव्यवस्था की मासिक स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत रीपो दर में 100 आधार अंक की कटौती, परिवारों के लिए आयकर में राहत और रोजगार बढ़ाने के उपायों से उच्च निवेश और विकास के अच्छे चक्र की शुरुआत हो सकती है। ​इसमें कहा गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों में हाल में की गई कटौती से खुदरा कीमतें घटेंगी और उपभोग मांग में तेजी आएगी।

अगस्त के उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों के हवाले से रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि दूसरी छमाही के लिए वृद्धि का दृष्टिकोण आशावादी बना हुआ है। इन संकेतकों से पता चलता है कि विनिर्माण और सेवा गतिविधियां दशक के उच्चतम स्तर पर हैं।

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.6 फीसदी तथा चौथी तिमाही में 6.3 फीसदी के साथ ही पूरे वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था मगर वास्तविक वृद्धि 5 तिमाही में सबसे अ​धिक 7.8 फीसदी रही।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों पर रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दर को सरल बनाने के साथ ही उलट शुल्क ढांचा से संबं​धित चुनौतियों को दूर किया गया है और कारोबार की सुगमता बढ़ाने का प्रयास किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही अमेरिका द्वारा उच्च आयात शुल्क लगाए जाने से घरेलू वृहद परिदृश्य पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ा हो लेकिन उसके बाद के घटनाक्रम ने अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित किया है। एसऐंडपी द्वारा सॉवरिन रेटिंग में सुधार करना अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।​

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मौद्रिक नीति में ढील के उपायों का प्रभाव अच्छा रहा है। आयकर में राहत और रोजगार बढ़ाने के उपायों के साथ दूसरी छमाही में उपभोग मांग में निरंतर वृद्धि और संभावित रूप से उच्च निवेश और मजबूत वृद्धि वै​श्विक अनि​श्चितता के बीच सकारात्मक चक्र के लिए वातावरण तैयार है।’
फरवरी से अभी तक रीपो दर में 100 आधार अंक की कटौती के बाद नए कर्ज के भारित औसत उधार दरों में 53 आधार अंक की गिरावट आई है जबकि नए भारित औसत घरेलू सावधि जमा दर 101 आधार अंक घटी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के बाह्य क्षेत्र ने लचीलापन प्रदर्शित किया है और चालू खाता घाटा कम रहने की उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक की उदार धन प्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत जुलाई में देश से बाहर 2.45 अरब डॉलर भेजा गया जो पिछले साल जुलाई की तुलना में 10.9 फीसदी कम है। इसका कारण अंतरराष्ट्रीय यात्रा, विदेश में शिक्षा आदि पर खर्च में कमी है। आरबीआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार एलआरएस के तहत जुलाई 2024 में 2.75 अरब डॉलर विदेश भेजे गए थे। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इसे आरबीआई कार्मिकों ने लिखा है और यह केंद्रीय बैंक के विचार नहीं हैं।

First Published : September 24, 2025 | 10:36 PM IST