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BFSI सेक्टर में IPOs की होड़, 15 कंपनियां ₹58,000 करोड़ जुटाने की तैयारी में जुटी

प्राइम डेटाबेस के अनुसार इस साल अभी तक महज तीन बीएफएसआई कंपनियों ने आईपीओ से 16,765 करोड़ जुटाये हैं, जो कुल आईपीओ निर्गम आय का 21.4 फीसदी है।

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साई अरविंद   
Last Updated- September 24, 2025 | 10:33 PM IST

बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) क्षेत्र में इस वर्ष में अभी तक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) कम आए हैं, लेकिन आगे इस क्षेत्र की करीब 15 कंपनियां आईपीओ के जरिये 58,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में हैं। प्राइम डेटाबेस के अनुसार इस साल अभी तक महज तीन बीएफएसआई कंपनियों ने आईपीओ से 16,765 करोड़ जुटाये हैं, जो कुल आईपीओ निर्गम आय का 21.4 फीसदी है। भारत में वि​​भिन्न क्षेत्र की कंपनियों की कुल मिलाकर आईपीओ से करीब 2.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की योजना है।

खबरों के अनुसार यह राशि और भी बढ़ सकती है क्योंकि फोनपे ने गोपनीय तरीके से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आईपीओ के लिए आवेदन दायर किया है। इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोक्कालिंगम ने कहा, ‘फोनपे के निर्गम को खरीदार मिलने की पूरी संभावना है क्योंकि बाजार में पर्याप्त तरलता है और निवेशक भी दांव लगाने के लिए तैयार हैं। फोनपे के पास उपभोक्ता-उन्मुख कारोबारी मॉडल है। हालांकि बहुत कुछ तब बाजार की स्थिति और निर्गम की कीमत पर निर्भर करेगा।’

वित्तीय क्षेत्र की कंपनी टाटा कैपिटल 17,000 करोड़ रुपये का निर्गम ला रही है। इसके बाद आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ऐसेट मैनेजमेंट का 10,200 करोड़ रुपये और ग्रो की मूल कंपनी बिलियनब्रेन्स गैराज वेंचर्स 6,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने जा रही है।

प्राइम डेटाबेस ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि बीएफएसआई में आईपीओ लाने की मुख्य वजह विनियमन है जिसके तहत वित्तीय क्षेत्र की कई कंपनियां अनिवार्य सूचीबद्धता आवश्यकताओं के दायरे में आ गई हैं। आशिका क्रेडिट कैपिटल में संस्थागत इक्विटी रिसर्च के प्रमुख आशुतोष मिश्रा ने कहा, ‘नियामक स्पष्ट रूप से इनमें से कई कंपनियों को अनिवार्य सूचीबद्धता का पालन करने के लिए कह रहा है और जैसे ही वे इसके दायरे में आते ​हैं आईपीओ लाने में जुट जाते हैं।’

मोटे तौर पर आने वाले महीनों में 163 कंपनियों की आईपीओ के माध्यम से 2.70 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। इनमें से 78 को पूंजी बाजार नियामक से हरी झंडी मिल गई है जबकि 85 को मंजूरी का इंतजार है। आंकड़ों से पता चलता है कि आईपीओ बाजार में बीएफएसआई का प्रभुत्व घट रहा है। 2020 में जारी सभी निर्गम में से एक तिहाई इस क्षेत्र से आए थे और जुटाई गई कुल धनराशि का 60 फीसदी इसमें आया था। 2021 में यह 38 फीसदी, 2022 में 24 फीसदी और 2023 में घटकर 15 फीसदी रह गया।

हल्दिया ने कहा कि एक तरफ, नए जमाने की तकनीकी कंपनियों का उदय हो रहा है तो दूसरी ओर पारंपरिक प्रवर्तकों वाले पारिवारिक व्यवसाय ने हाल के वर्षों में निर्गम बाजार में अपना प्रभुत्व जमाया है।

बीएफएसआई क्षेत्र में ग्रो और पाइन लैब्स जैसी नई पीढ़ी की फिनटेक कंपनियां भी केंद्र में हैं, जिनमें से दो लगभग 12,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए तैयार हैं। मिश्रा ने कहा कि फिनटेक फर्में भी मैदान में उतर रही हैं, जिनमें से कई आने वाले महीनों में आईपीओ ला सकती हैं। प्राइवेट इक्विटी का स्वामित्व भी फिनटेक को सूचीबद्ध होने के लिए प्रेरित कर रहा है। हल्दिया ने कहा कि प्राइवेट इ​क्विटी के कंपनी से बाहर निकलने का सबसे पसंदीदा जरिया आईपीओ होता है।

First Published : September 24, 2025 | 10:28 PM IST