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गौतम अदाणी ने शेयरधारकों को आश्वस्त किया, संचालन मानकों को और मजबूत करने का वादा

बुधवार को शेयरधारकों को लिखे पत्र में अदाणी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के हालिया फैसले को समूह के आचरण की ‘पुरजोर और स्पष्ट’ पुष्टि बताया।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- September 24, 2025 | 11:03 PM IST

अरबपति गौतम अदाणी ने बुनियादी ढांचे से लेकर ऊर्जा क्षेत्र वाले अपने समूह में संचालन मानकों को कड़ा करने का वादा किया है। लगभग तीन साल पहले शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी और स्टॉक में हेरफेर के आरोपों को बाजार नियामक सेबी द्वारा खारिज किए जाने के बाद निवेशकों को आश्वस्त करने के मद्देनजर ऐसा किया गया है।

बुधवार को शेयरधारकों को लिखे पत्र में अदाणी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के हालिया फैसले को समूह के आचरण की ‘पुरजोर और स्पष्ट’ पुष्टि बताया। अदाणी ने लिखा, ‘यह क्षण किसी नियामकीय मंजूरी से कहीं अधिक है, यह उस पारदर्शिता, संचालन और उद्देश्य की सशक्त पुष्टि है, जिसके साथ आपकी कंपनी हमेशा से परिचालित हुई है और हमारी मजबूती का सबसे सच्चा प्रमाण शब्दों में नहीं, बल्कि इस अवधि के दौरान किए गए प्रदर्शन में निहित है।’

बंदरगाहों, बिजली, हवाई अड्डों, सीमेंट और अक्षय ऊर्जा क्षेत्रों में फैला अदाणी समूह हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट के बाद से निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए काम कर रहा है। इस रिपोर्ट ने संकट के चरम स्तर के दौरान इसके शेयरों को लुढ़का दिया था और बाजार मूल्य में 150 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई थी।

समूह ने जीक्यूजी जैसे वैश्विक निवेशकों से नए इक्विटी निवेश, पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज और कर्ज का समय से पहले भुगतान करके अपने शेयरों का मूल्य स्थिर किया। समूह का बाजार मूल्यांकन अब भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट से ठीक पहले वाले शीर्ष स्तर तक नहीं पहुंचा है। हिंडनबर्ग ने इस साल की शुरुआत में बाजार में हेरफेर के लिए सेबी द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजे जाने से ठीक पहले अपना परिचालन बंद कर दिया था।

अदाणी ने कहा कि समूह सेबी के फैसले का उपयोग विश्वसनीयता को फिर से निर्मित करने के लिए महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में करेगा। उन्होंने कहा, ‘मेरा आपसे यह वादा है कि हम बाजारों और नियामकों में विश्वास जगाने वाले संचालन मानकों को और मजबूत करेंगे।’ चेयरमैन ने नवाचार और स्थिरता वाले कार्यक्रमों में तेजी लाने तथा भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में बड़ा निवेश जारी रखने का भी संकल्प लिया।

उन्होंने कहा, ‘हालांकि जब यह तूफान तेजी से फैल रहा था, तब भी मैं अपने निवेशकों, ऋणदाताओं, आपूर्तिकर्ताओं और साझेदारों के लिए पैदा हुई चिंता से पूरी तरह वाकिफा था। यह आपका भरोसा ही था जिसने हमें स्थिर रखा, आपका धैर्य था जिसने हमें संभाला और आपका विश्वास था जिसने हमें हिम्मत दी। इस असाधारण समर्थन के लिए मैं तहे दिल से आपका आभारी हूं।’

अदाणी ने शेयरधारकों को बताया कि इस उथल-पुथल के बावजूद समूह ने परिचालन के दमदार परिणाम पेश किए। पोर्टफोलियो एबिटा दो वर्षों में 57 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 89,806 करोड़ रुपये (10.8 अरब डॉलर) हो गया, जबकि कुल परिसंपत्ति करीब 2 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 6.09 लाख करोड़ रुपये हो गई।

First Published : September 24, 2025 | 10:55 PM IST