परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाकर और किसानों को सिंचाई के लिए दिन के समय निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान कर कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार विभिन्न योजनाएं लागू कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा परियोजना 2.0 के तहत महानिर्मिती (महाराष्ट्र राज्य विद्युत निर्माण कंपनी लिमिटेड) द्वारा राज्य में 1071 मेगावॉट क्षमता के सौर ऊर्जा प्रकल्प जल्द ही शुरू किए जाएंगे। इन प्रकल्पों से राज्य के 3 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दी।
सरकार का उद्देश्य है कि परंपरागत ऊर्जा पर निर्भरता घटाकर, कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाए और किसानों को दिन के समय सिंचाई हेतु बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति दी जाए ताकि कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो। इसी दिशा में मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत वितरित प्रणाली द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग कर कृषि उपयोग के लिए सौर प्रकल्प जोड़े जाते हैं। सरकार ने मिशन 2025 के अंतर्गत वर्ष 2025 तक लगभग 30 फीसदी कृषि फीडरों का सोलराइजेशन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके तहत 0.5 मेगावॉट से 25 मेगावाट तक के सौर प्रकल्प कृषि भार वाले वितरण उपकेंद्रों से 5–10 किमी की परिधि में स्थापित किए जाएंगे।
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जीईएपीपी इंडिया इस परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU) और एक डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रही है, जिससे डेटा संग्रहण, परियोजना की स्थिति और प्रबंधन कार्य को आसान बनाया जा सकेगा। जीईएपीपी की तकनीक और नवाचारों के माध्यम से मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा परियोजना 2.0 की प्रभावी ढंग से अमल किया जाएगा और महाराष्ट्र में सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए नीतिगत संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा जो योजना के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन देगी। इस समिति में सभी हितधारकों को शामिल किया जाएगा। जीईएपीपी इंडिया और महानिर्मिती द्वारा मिलकर एक केंद्रीय डैशबोर्ड तैयार किया जाएगा, जिसकी मदद से जमीन अधिग्रहण से लेकर परियोजना की प्रगति तक की दैनिक निगरानी की जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को इस डैशबोर्ड के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
महानिर्मिती, महाराष्ट्र राज्य विद्युत निर्माण कंपनी लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और लगभग 13,880 मेगावॉट की स्थापित क्षमता के साथ भारत के सबसे बड़े राज्य-स्वामित्व वाले विद्युत उत्पादकों में से एक है। एनटीपीसी (NTPC) के बाद यह देश की दूसरी सबसे बड़ी राज्य-स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन कंपनी है। यह कंपनी तापीय, गैस, जल विद्युत और सौर जैसे विभिन्न ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन करती है और अब नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की ओर अग्रसर है, जिससे उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी।