facebookmetapixel
भारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%बैंकिंग सिस्टम में नकदी की तंगी, आरबीआई ने भरी 30,750 करोड़ की कमी1 नवंबर से जीएसटी पंजीकरण होगा आसान, तीन दिन में मिलेगी मंजूरीICAI जल्द जारी करेगा नेटवर्किंग दिशानिर्देश, एमडीपी पहल में नेतृत्व का वादाJio Platforms का मूल्यांकन 148 अरब डॉलर तक, शेयर बाजार में होगी सूचीबद्धताIKEA India पुणे में फैलाएगी पंख, 38 लाख रुपये मासिक किराये पर स्टोरनॉर्टन ब्रांड में दिख रही अपार संभावनाएं: टीवीएस के नए MD सुदर्शन वेणु

Maharashtra NCP Crisis: अजित पवार उपमुख्यमंत्री बने पांचवीं बार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली, अजित पवार ने पार्टी के चिह्न पर भी दावा किया

Last Updated- July 02, 2023 | 11:04 PM IST
Maharashtra NCP Crisis: Ajit Pawar becomes Deputy Chief Minister for the fifth time
PTI

शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) रविवार को दो फाड़ हो गई और उनके भतीजे अजित पवार पार्टी के 53 में से 36 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना गठबंधन सरकार में शामिल हो गए।

अजित (63) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई जबकि उनके साथ आए विधायकों में से आठ को मंत्री पद सौंपे गए हैं। राकांपा के राज्य सभा सदस्य और कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने राज भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया।

राकांपा में टूट उस समय हुई है जब केंद्रीय मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि इस फेरबदल में भाजपा कई गठबंधन साझेदारों को शामिल करेगी। हालिया घटनाक्रम को राकांपा के शीर्ष नेता शरद पवार के लिए झटका माना जा रहा है।

उन्होंने मई में ऐसे ही एक प्रयास को रोकने के क्रम में धमकी दी थी कि वह पार्टी प्रमुख का पद छोड़ देंगे। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने पर उन्होंने कुछ दिन बाद अपना इस्तीफा वापस लिया था।

शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि भाजपा राकांपा को दो फाड़ करने के लिए जितनी तत्पर थी उससे पता चलता है कि एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस की सरकार अस्थिर थी। विपक्षी नेताओं ने कहा कि ये घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि भाजपा केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

10 जून को राकांपा के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर शरद पवार ने अपनी पुत्री सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। सुले को जहां 82 वर्षीय पवार का उत्तराधिकारी माना जा रहा था।

वहीं महाराष्ट्र में पार्टी चलाने वाले और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। शरद पवार और बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने 23 जून को पटना में विपक्षी एकता बैठक में भी शिरकत की थी।

शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा था कि राकांपा में कोई विभाजन नहीं हुआ है और उनका धड़ा भविष्य में सभी चुनाव पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर ही लड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘अगर हम शिव सेना के साथ जा सकते हैं तो हम भाजपा के साथ भी जा सकते हैं। नगालैंड में भी यही हुआ था।’

नगालैंड में राकांपा ने यह निर्णय लिया था कि उसके छह विधायक एनडीपीपी-भाजपा सरकार का समर्थन करेंगे। अजित पवार ने कहा कि मंत्रियों के विभाग कुछ दिनों में घोषित किए जाएंगे।

अजित पवार और राकांपा के पिछड़े चेहरे भुजबल के अलावा मंत्री पद की शपथ लेने वाले अन्य नेता थे: दिलीप वालसे पाटिल, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तटकरे, धर्मराम अत्राम, अनिल पाटिल और संजय बनसोडे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘जब किसी योग्य पार्टी कार्यकर्ता (अजित पवार) को किनारे लगाया जाता है तो ऐसा होता है। अब डबल इंजन की सरकार में तीन इंजन हैं। राज्य अब विकास के पथ पर सरपट भागेगा। अब हमारे यहां एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं। इससे प्रदेश का विकास तेज होगा।’ भाजपा के देवेंद्र फडणवीस भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं।

इससे पहले अजित पवार ने अपने मुंबई स्थित सरकारी आवास ‘देवगिरि’ पर पार्टी नेताओं और विधायकों से मुलाकात की। बैठक में सुले भी मौजूद थीं लेकिन वह वहां से जल्दी निकल गईं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘यह साफ है कि भाजपा की वॉशिंग मशीन ने अपना काम दोबारा शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में आज भाजपा गठबंधन में शामिल हुए नेताओं में से कई पर ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग की जांच चल रही थी। अब वे सभी पाक-साफ हो गए हैं।’

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘मणिपुर में नित नई हिंसा हो रही है और राज्य झुलस रहा है लेकिन भाजपा विपक्ष को तोड़ने में व्यस्त है। अब चुनाव मायने नहीं रखते क्योंकि ईडी और सीबीआई को हथियार बनाकर सरकार बनाई जा रही है।’

First Published - July 2, 2023 | 11:04 PM IST

संबंधित पोस्ट