महाकुंभ के लिए 4,000 हेक्टेयर से बड़े इलाके में टेंट का शहर बनाया गया है, जिसे मेले के दौरान प्रदेश का 76वां जिला माना जाएगा। इसमें 56 पुलिस थाने और 133 पुलिस चौकियां होंगी। प्रदेश सरकार ने 2019 के अर्द्ध कुंभ मेले के लिए 4,200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे और महाकुंभ के लिए केंद्र के साथ मिलकर उसने 7,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें 2,100 करोड़ रुपये केंद्र से आएंगे।
टेंट सिटी में 67,000 स्ट्रीटलाइट होंगी और बिजली की अबाध आपूर्ति की व्यवस्था भी की गई है। राज्य सरकार तीर्थयात्रियों के आने-जाने के लिए भगवा रंग की 7,000 बसें चलाएगी। मेले के दौरान 100 विशेष ट्रेनें प्रयागराज को पूरे देश से जोड़ेंगी। प्रयागराज हवाईअड्डे पर उतरने वाली उड़ानों और विमान खड़े करने के लिए पार्किंग बे की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। सुरक्षा के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) वाले 329 कैमरे लगाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को श्रद्धालुओं के लिए संचार सुगम बनाने के मकसद से एआई वाले चैटबॉट भी शुरू किए और इसे ‘डिजिटल महाकुंभ’ बताया।
राज्य प्रशासन आठों जोन में 100-100 बिस्तरों वाले अस्पताल बना रहा है। मेले में तीन स्तरीय सुरक्षा के लिए ड्रोन, रोबॉटिक अग्निशमन इकाइयां, नाव की सुरक्षा जांच और पानी की गुणवत्ता की निगरानी आदि का प्रयोग किया जा रहा है। नए फ्लाईओवर, 10 रेल ओवरब्रिज और इनर रिंग रोड के निर्माण से शहर का बुनियादी ढांचा ही बदलता दिख रहा है। उनके अलावा 61 सड़कों को नया रूप दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी के मुताबिक इसे ‘हरित महाकुंभ’ बनाने की आदित्यनाथ की पहल ऐसे बड़े आयोजनों में पर्यावरण का ध्यान रखने में नए पैमाने गढ़ेगी। मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए कुल्हड़, दोने-पत्तल और कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे स्थानीय कुटीर उद्योगों को भी मदद मिलेगी।
प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों के लिए 2,000 बिस्तरों वाली कई डॉरमिटरी बना रही है, जिनका दैनिक किराया केवल 200 रुपये होगा। लक्जरी टेंट भी लगाए जा रहे हैं, जिनका किराया 35,000 रुपये प्रति रात्रि तक जाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ का अनुमान है कि प्रयागराज में 2019 में हुए कुंभ में राज्य सरकार को 1.2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिला था। प्रदेश सरकार के सूत्र बताते हैं कि महाकुंभ में 2019 से कई गुना अधिक राजस्व आ सकता है।
इसमें खाने-पीने के ढाबे चलाने का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया गया है, जिससे 5,000 महिलाओं को मदद मिलने की उम्मीद है। अयोध्या में राम मंदिर के लिए सड़कें चौड़ी करने और इलाके को नए सिरे से सजाने के लिए छोटे कारोबारियों और दुकानदारों को हटा दिया गया था, जिनके रोष का नतीजा ही विधान सभा चुनाव में दिखता बताया गया। इससे सीख लेकर प्रयागराज के स्थानीय भाजपा नेताओं ने हाल ही में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रशासन लोगों की रोजी-रोटी का ध्यान रखे।
केंद्रीय संस्कृति तथा पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने कहा कि पिछले 10 साल में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, काशी में गलियारे, सोमनाथ में विकास की परियोजनाओं और अन्य परियोजनाओं से बड़ी संख्या में रोजगार आए हैं।
पिछले गुरुवार को मंत्रालय से जारी आंकड़ों में बताया गया कि पर्यटन क्षेत्र से 2022-23 में 761.7 लाख प्रत्यक्ष तथा परोक्ष रोजगार सृजित हुए थे, जबकि 2013 में आंकड़ा 695.6 लाख ही था। 2023 में भारत को पर्यटन से 28.07 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा मिली, जो 2014 में 19.69 अरब डॉलर थी यानी इस दौरान आंकड़ा करीब 42.53 फीसदी बढ़ गया।