इजरायल हमास युद्ध से भारत-इजरायल-संयुक्त अरब अमीरात-अमेरिका (आई2यू 2) देशों का गठजोड़ प्रभावित हो सकता है। हालांकि इससे भारत में चल रही परियोजनाओं पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।
सरकारी अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘जब तक इजरायल हमास युद्ध किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच जाता, संयुक्त अरब अमीरात का आई2यू2 मंच पर इजरायल के साथ आना कठिन है। भारत में चल रही परियोजनाओं पर इसका असर नहीं पड़ने वाला है, लेकिन अफ्रीका सहित इन देशों के बीच साझेदारी की महत्त्वाकांक्षी योजना प्रभावित होगी।’
अक्टूबर 2021 में 4 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान आई2यू2 की अवधारणा पेश की गई थी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय के इजरायल के प्रधानमंत्री याइर लैपिड, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ आई2यू 2 के नेताओं की पहली वर्चुअल बैठक में जुलाई 2022 में हिस्सा लिया था।
पश्चिम एशिया के चतुष्कोण के रूप में प्रचारित आई2यू 2 ने 6 महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों जल, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त निवेश बढ़ाने पर सहमति जताई थी।
इस समूह का मकसद प्राइवेट क्षेत्र की पूंजी को आकर्षित करना और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, कम कार्बन की राह बनाना और सार्वजनिक स्वास्थ्य का विकास है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के ई मेल के जवाब में विभाग के प्रवक्ता ने कहा आई2यू 2 की कोई बैठक अभी प्रस्तावित नहीं है। प्रवक्ता ने कहा, ‘आई2यू 2 ने अवधारणा को हकीकत में बदल दिया है।
वैश्विक चुनौतियों से निपटने और आर्थिक मौकों का लाभ उठाने पर काम चल रहा है। हमने आई2यू 2 प्राइवेट इंटरप्राइज पार्टनरशिप शुरू की है। साथ ही आई2यू 2 की आधिकारिक वेबसाइट जारी हुई है, जिससे नई परियोजनाएं दाखिल की जा सकें।’
लंबे विराम के बाद गुजरात के फूडपार्क में आई2यू 2 ढांचे के तहत संयुक्त अरब अमीरात ने निवेश किया है। इसमें खाद्य वस्तुओं जैसे केला, आलू, चावल और प्याज पर ध्यान केंद्रित होगा। भारत ऐसी वस्तुओं के प्रसंस्करण और निर्यात के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम से छूट दे रहा है।