पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को कहा कि रूस के कच्चे तेल के लिए भुगतान की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अभी पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमत में कमी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
संवाददाताओं से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत खरीदार है और विदेशी आपूर्तिकर्ता तेल बेचने के लिए ऑफर के साथ भारतीय कंपनियों से संपर्क कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘भुगतान की समस्या की वजह से आपूर्ति रोके जाने की कोई भी सूचना हमारी कंपनियों ने नहीं दी है।’ उन्होंने कहा कि रूस से इस समय आयात 15 लाख बैरल प्रतिदिन है। भारत, रूस का ज्यादातर तेल संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा दिरहम में खरीदता है।
खबरों में कहा गया था कि हाल के महीनों में रूस से तेल आयात घटा है। रूस के आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान की समस्या के कारण ऐसा होने का अनुमान लगाया गया था। पुरी ने कहा कि तेल की आवक में किसी भी कमी की वजह तेल की कीमत है।
लंदन की कमोडिटी डेटा एनलिटिक्स प्रोवाइडर वोर्टेक्सा के अनुमान के मुताबिक रूस लगातार पंद्रहवें महीने दिसंबर में भारत में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।
वोर्टेक्सा आयात के अनुमान के लिए जहाजों की आवाजाही पर नजर रखती है। भारत के तेल आपूर्ति में रूस की हिस्सेदारी फरवरी 2022 में 0.2 प्रतिशत थी जो फरवरी 2023 में बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है।
हाल के महीनों में रूस से आने वाले तेल की हिस्सेदारी कम हुई है, वहीं रूस के कच्चे तेल पर मिल रही छूट के कारण मात्रा स्थिर रखने में मदद मिली है। इस मामले से जुड़े लोगों ने कहा कि नवंबर में छूट बढ़कर 9 से 11 डॉलर प्रति बैरल हो गई, जो अक्टूबर के 8 से 10 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में ज्यादा है। यह छूट 2023 के मध्य में 4 से 5 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर थी।
पुरी ने कहा कि तेल विपणन कंपनियों के साथ खुदरा कीमत में कटौती को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। वित्त वर्ष की पहली 2 तिमाही में ओएमसी ने मोटा मुनाफा कमाया है। पेट्रोल पंप कीमतों में 20 महीने से कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुरी ने संकेत दिए कि ओएमसी को पहले के नुकसान की भरपाई की जरूरत है और जोर दिया कि कंपनियों को शेयरधारकों के हितों का ध्यान रखना होगा।