Pahalgam Terror Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने सहित पांच-आयामी प्रतिक्रिया की घोषणा के एक दिन बाद दोनों देशों में तल्खी बढ़ गई है। पाकिस्तान ने आज कहा कि 1960 की संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी को मोड़ने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में कहा कि भारत आतंकवादियों की पहचान करेगा, उसका पता लगाएगा और धरती के अंतिम छोर तक उनका पीछा करेगा और उन्हें तथा उनके आकाओं को ऐसी सजा देंगे जो उनकी कल्पना से परे होगी। प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी में बोलते हुए आतंकवादी हमले पर दुनिया को संदेश दिया।
दिन में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जी20 सदस्य देशों के राजनयिकों और अपने रणनीतिक साझेदारों को पहलगाम आतंकी हमले और सीमा पार आतंकवाद से इसके संबंध के बारे में जानकारी दी। पाकिस्तान के प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। भारत ने बुधवार को कहा था कि आतंकी हमले के तार सीमा पार से जुड़े हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी जैसे विश्व नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की। फ्रांस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री से कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में दिखाई गई बर्बरता पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
उधर, इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद पाकिस्तान ने कहा कि वह शिमला समझौते के साथ ही भारत के साथ अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर रहा है। पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को भी बंद कर दिया। भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। दक्षेस वीजा छूट योजना के तहत भारतीयों को दिए गए वीजा रद्द कर दिए और भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को देश छोड़कर जाने के लिए कहा है। शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, खुफिया ब्यूरो और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने सर्वदलीय बैठक में घटना की जानकारी दी। विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार के साथ है।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने खुफिया और सुरक्षा चूक की बात स्वीकार की। विपक्षी नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री के शामिल नहीं होने पर सवाल उठाया। इसके साथ ही विपक्षी नेताओं ने सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ ‘भड़काऊ’ सोशल मीडिया पोस्ट का भी मुद्दा उठाया। दिन में गृह मंत्री अमित शाह और विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।