सरकारी प्रतिभूतियों का बाजार वर्ष 2019 में 769 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2024 में 1,812 लाख करोड़ तक पहुंच गया। लेन-देन की तादाद 2019 में 13.76 लाख से बढ़कर 2024 में 17.6 लाख हो गई।
वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान कुल 994 करोड़ रुपये मूल्य के 9.85 लाख लेन-देन का निपटान किया गया। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गुरुवार को जारी पेमेंट सिस्टम रिपोर्ट में दी गई।
विदेशी मुद्रा क्लियरिंग संबंधी लेनदेन 2020 के 466 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 16.6 लाख लेनदेन से बढ़कर 2024 में 885 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 26.3 लाख लेनदेन तक जा पहुंचे। वर्ष 2025 की पहली छमाही में 682 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 18.23 लाख लेनदेन हुए। रिपोर्ट के अनुसार, रुपये डेरिवेटिव्स बाज़ार ने वर्ष 2019 से लगातार वृद्धि का रुझान दिखाया है। वर्ष 2019 में केवल 7,213 लेन-देन 5.4 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के साथ दर्ज किए गए थे, जो बढ़कर वर्ष 2024 में 83 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 1.35 लाख लेन-देन तक पहुंच गए। यह गति वर्ष 2025 की पहली छमाही में भी बनी रही, जिसमें 58 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 73, 225 लेनदेन किए गए।
हाल के वर्षों में सीसीआईएल लेनदेन में इजाफे का रुझान नजर आया है। लेनदेन की तादाद 2019 के 35 लाख से बढ़कर 2024 में 45 लाख हो गई जबकि लेनदेन का मूल्य इसी अवधि में 1.27 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।