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भारत ने जिस इजरायली ड्रोन ‘हारोप’ से पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ा दिया, उसकी कहानी जान लीजिए

Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि देश के कई शहरों में हुए धमाकों के पीछे हारोप लोइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन का हाथ है।

Last Updated- May 08, 2025 | 6:54 PM IST
Harop
फोटो क्रेडिट: IAI

India Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे हालिया तनाव ने एक नया मोड़ ले लिया है। गुरुवार को पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि लाहौर, कराची और सियालकोट समेत उनके देश के कई शहरों में धमाके हुए। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इन हमलों के लिए ‘हारोप लोइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन’ को जिम्मेदार ठहराया और इसे ‘बेहद गंभीर उकसावा’ बताया। दूसरी तरफ, भारत के रक्षा मंत्रालय ने जवाब में कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया, जिसमें लाहौर का एक एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नष्ट हो गया।

इस बीच, भारत ने दावा किया कि पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया। 

पाकिस्तान ने हारोप ड्रोन पर लगाया धमाकों का आरोप 

पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि देश के कई शहरों में हुए धमाकों के पीछे हारोप लोइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन का हाथ है। उन्होंने ड्रोन के मलबे की तस्वीरें भी दिखाईं। प्रवक्ता ने इसे भारत की ओर से ‘गंभीर उकसावे’ की कार्रवाई करार दिया। हारोप ड्रोन को इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने बनाया है और यह एक ऐसा हथियार है जो लंबे समय तक हवा में मंडराता रहता है और मौका मिलते ही टारगेट पर हमला कर देता है। पाकिस्तान का कहना है कि ये ड्रोन उनके शहरों में घुसे और धमाके किए, लेकिन अभी तक इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया कि ये हमले किसने किए।

पाकिस्तान के इस दावे ने दोनों देशों के बीच पहले से चले आ रहे तनाव को और हवा दे दी है। सवाल ये है कि क्या वाकई हारोप ड्रोन का इस्तेमाल हुआ? और अगर हुआ, तो क्या इसके पीछे भारत है? इन सवालों के जवाब अभी धुंधले हैं, लेकिन दोनों तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है।

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भारत का जवाब: पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला

भारत ने पाकिस्तान के आरोपों का जवाब देने में देर नहीं की। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि गुरुवार सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई एयर डिफेंस और सिस्टम को निशाना बनाया। मंत्रालय के मुताबिक, लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। भारत ने इसे “पाकिस्तान के हमलों का जवाब” बताया और कहा कि उसकी कार्रवाई ‘उसी डोमेन और उसी तीव्रता’ के साथ थी।

भारत का दावा है कि 7-8 मई की रात को पाकिस्तान ने अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिश की। भारतीय सेना ने अपने इंटीग्रेटेड काउंटर UAS ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम के जरिए इन हमलों को नाकाम कर दिया। भारत ने कहा कि इन हमलों का मलबा कई जगहों से बरामद किया गया है, जो पाकिस्तान के इरादों को साफ करता है।

हारोप ड्रोन क्या है? जानिए इसकी ताकत

हारोप ड्रोन कोई साधारण ड्रोन नहीं है। इसे इजराइल की कंपनी IAI ने बनाया है और ये एक लोइटरिंग म्यूनिशन है, यानी ये हवा में लंबे समय तक मंडराता रहता है और सही मौके पर टारगेट को नष्ट कर देता है। इसकी खासियत ये है कि ये UAV और मिसाइल का एक मिला जुला रुप है। हारोप 9 घंटे तक हवा में रह सकता है, 200 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है और टैंक, रडार स्टेशन, कमांड सेंटर और एयर डिफेंस सिस्टम जैसे बड़े सैन्य टारगेट को निशाना बना सकता है।

इस ड्रोन में इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर लगे हैं, जो टारगेट को ट्रैक करने और निगरानी करने में मदद करते हैं। ये ड्रोन अपने आप काम कर सकता है या फिर ऑपरेटर के कंट्रोल में रह सकता है। सबसे खास बात, अगर टारगेट न मिले तो ये वापस बेस पर लौट सकता है। हारोप को जमीन या समुद्र से लॉन्च किया जा सकता है और ये GNSS जैमिंग के खिलाफ भी मजबूत है, यानी दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप में भी काम करता रहता है।

हारोप का इस्तेमाल पहले भी कई युद्धों में हो चुका है। अजरबैजान ने 2016 और 2020 के नागोर्नो-काराबाख युद्ध में इसका इस्तेमाल किया था। सीरिया में भी 2018 और 2024 में इसके हमले देखे गए। भारत और अजरबैजान उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने इस ड्रोन को खरीदा है।

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भारत-इजराइल का रक्षा रिश्ता और हारोप की खरीद

भारत और इजराइल के बीच रक्षा सौदों का लंबा इतिहास है। न्यूज वेबसाइट द इकोनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दस सालों में भारत ने इजराइल से 2.9 बिलियन डॉलर के सैन्य उपकरण खरीदे हैं, जिनमें रडार, ड्रोन, मिसाइल सिस्टम और हारोप ड्रोन शामिल हैं। हारोप ड्रोन भारत की सैन्य ताकत का अहम हिस्सा है, खासकर ऐसे वक्त में जब सीमा पर तनाव चरम पर है। भारत ने इस ड्रोन को अपनी रणनीति में शामिल कर हाई-वैल्यू टारगेट को निशाना बनाने की क्षमता बढ़ाई है।

First Published - May 8, 2025 | 5:52 PM IST

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